कॉमेडियन वीर दास की कविता पर विवाद में कॉमेडियन का समर्थन करने वाले लोग सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर कर रहे हैं। इसमें उनके बयान को ये लोग विदेश की धरती पर प्रधानमंत्री द्वारा भारत का अपमान बता रहे हैं। कविता-विवाद पर वीर दास का विरोधी खेमा भी कॉमेडियन पर विदेश में देश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्हें देश-विरोधी बता रहा है।
वीर दास की कविता ‘टू इंडियाज’ को लेकर उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें देशद्रोही कहा और बीजेपी नेता ने पुलिस को उनके खिलाफ शिकायत भी दी। कई लोग वीर दास के समर्थन में भी उतरे। सोशल मीडिया पर वीर दास का समर्थन करने वाला खेमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो पुराना वीडियो शेयर कर रहा है, वह 2015 का है। इसमें मोदी सियोल में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने भारत की मजबूत स्थिति का उदाहरण देते हुए और प्रवासियों को भारत लौटने के लिए प्रेरित करने के लिए अतीत की स्थिति से तुलना करते हुए कहा कि पहले लोग समझते थे कि पता नहीं पिछले जन्म में क्या पाप किया होगा कि भारत में जन्म हुआ…
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए क्या बोला था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने: आप भी चाहते हैं न हिंदुस्तान में भी वैसा ही हो, चाहते हैं कि नहीं चाहते हैं… होना चाहिए या नहीं होना चाहिए… आपके बिना कैसे होगा? आपका अनुभव, आपका ज्ञान, आपको जो यहां अवसर मिला है, वो जितना भारत के साथ जुड़ेगा भारत को आगे बढ़ने में सुविधा बढ़ जाएगी। एक समय था, जब लोग…यार… पता नहीं पिछले जन्म में पता नहीं क्या पाप किया था, जो हिंदुस्तान में पैदा हो गए, ये कोई देश है… ये कोई सरकार है… ये कोई लोक है… चलो छोड़ो चले जाएंगे… और लोग निकल पड़ते थे, कुछ वर्षों में तो हम यह भी देखते थे जब उद्योग जगत के लोग कहते थे कि भाई अब यहां व्यापार नहीं हो सकता है। ज्यादातर लोगों ने तो एक पैर बाहर रख भी दिया था। मैं इसके कारण में नहीं जाता हूं, और न ही राजनीतिक टीका टिप्पणी करना चाहता हूं लेकिन ये धरती की सच्चाई है कि लोगों में एक निराशा थी, आक्रोश था। मैं आज विश्वास से कह सकता हूं कि अलग अलग जीवन के गणमान्य लोग, बड़े बड़े साइंटिस्ट लोग, विदेशों में कितनी ही कमाई क्यों न होती हो, उससे कम कमाई होती हो तो भी, आज भारत वापस आने के लिए उत्सुक हो गए हैं।
देखें वीडियो और सुनें नौवें मिनट पर प्रधानमंत्री की बात:
प्रधानमंत्री के इस भाषण को Ajay Kumar Khemka @Ajaykumar00009 ने शेयर करते हुुए ट्वीट किया- नरेंद्र मोदी को सुनिए अपने हिंदुस्तान के लिए विदेश की धरती पर 2015 में क्या बोल रहे हैं। वहीं @Deep4IND ने वीडियो के साथ लिखा कि 2015 में पीएम मोदी ने जो बोला था, उस पर तो लोगों को गुस्सा नहीं आया। इसके अलावा बिलाल हैदर (@khan_belal101) नाम के यूजर लिखते हैं, वीर दास की हिम्मत कैसे हुई जो उसने भारत का अपमान किया, यह अधिकार तो मोदी जी के लिए आरक्षित है। VIDEO साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि वीर दास भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करता है लेकिन पीएम करते हैं।
इस ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी और इसे भारत का अपमान बताया। दरअसल, वीर दास ने अमेरिका में एक शो में जो कविता पढ़ी, उसमें भी ऐसे ही विरोधाभास से भारत का चित्रण किया गया है।
पढ़ें वीर दास की कविता का हिंदी अनुवाद:
मैं एक उस भारत से आता हूँ, जहाँ बच्चे एक दूसरे का हाथ भी मास्क पहन कर पकड़ते हैं, लेकिन नेता बिना मास्क एक-दूसरे को गले लगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ AQI 9000 है लेकिन हम फिर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में उनका गैंगरेप हो जाता है.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम ट्विटर पर बॉलीवुड को लेकर बँट जाते हैं, लेकिन थियेटर के अंधेरों में बॉलीवुड के कारण एक होते हैं.
मैं एक ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ पत्रकारिता ख़त्म हो चुकी है, मर्द पत्रकार एक दूसरे की वाहवाही कर रहे हैंऔर महिला पत्रकार सड़कों पर लैपटॉप लिए बैठी हैं, सच्चाई बता रही हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हमारी हँसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के बाहर तक आप सुन सकते हैं और मैं उस भारत से भी आता हूँ, जहाँ कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ दी जाती हैं, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज़ आती है.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ बड़ी आबादी 30 साल से कम उम्र की है लेकिन हम 75 साल के नेताओं के 150 साल पुराने आइडिया सुनना बंद नहीं करते.
मैं ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ हमें पीएम से जुड़ी हर सूचना दी जाती है लेकिन हमें पीएमकेयर्स की कोई सूचना नहीं मिलती.
मैं ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ औरतें साड़ी और स्नीकर पहनती हैं और इसके बाद भी उन्हें एक बुज़ुर्ग से सलाह लेनी पड़ती है, जिसने जीवन भर साड़ी नहीं पहनी.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम शाकाहारी होने में गर्व महसूस करते हैं लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्ज़ियां उगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ सैनिकों को हम पूरा समर्थन देते हैं तब तक, जब तक उनकी पेंशन पर बात ना की जाए.
मैं उस भारत से आता हूँ, जो चुप नहीं बैठेगा, मैं उस भारत से आता हूँ, जो बोलेगा भी नहीं
मैं उस भारत से आता हूँ जो मुझे हमारी बुराइयों पर बात करने के लिए कोसेगा
मैं उस भारत से आता हूँ, जो लोग अपनी कमियों पर खुल कर बात करते हैं
मैं उस भारत से आता हूँ, जो ये देखेगा और कहेगा ‘ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहाँ है?’
और मैं उस भारत से भी आता हूँ
जो ये देखेगा और जानेगा कि ये जोक ही है. बस मज़ाकिया नहीं है.