पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की रात चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) सहित 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए। पिछले पांच दशक में दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव था। सेना ने मंगलवार को शुरू में कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक मारे गए है। लेकिन देर शाम दिये गए बयान में भारतीय सेना ने स्वीकार किया कि चीनी सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई है।

सेना ने 20 लोगों के आंकड़े को संशोधित करते हुए कहा कि 17 अन्य जो “ड्यूटी की लाइन में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और गतिरोध वाले स्थान पर शून्य तापमान में थे। चोटों के कारण उन्होने दम तोड़ दिया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय और चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प में में चीनी सेना के 43 सैनिक हताहत हुए हैं। इसमें से कुछ की मौत हो गई है और कुछ जख्मी हुए हैं।

छह जून को दोनों देशों के सीनियर कमांडरों के बीच बैठक हुई थी। इस बैठक में तनाव कम करने की प्रक्रिया पर सहमति बनी थी। इसके बाद मौक़े पर मौजूद कमांडरों की बैठकों का भी सिलसिला चला था ताकि उस सहमति को ग्राउंड लेवल पर लागू किया जा सके जो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बनी थी। लेकिन इस बैठक के बाद मध्य सप्ताह में, चीनी वापस आए और भारतीय पक्ष में कैंप लगाने लगे। भारतीय सेना ने इसका विरोध करते हुए कैंप हटाने शुरू कर दिये। जिसके चलते दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई और कई सैनिक घायल हो गए। इस झड़प के बाद चीन के सैनिक वापस चले गए लेकिन सप्ताह के अंत में वे भरी मात्रा में वापस आए। जिसके बाद 14 जून रविवार को पत्थरबाजी भी हुई।

लेकिन 15 जून सोमवार को गलवान नदी के पास दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच फिर से हाथापाई हुई। सूत्रों के मुताबिक इस झड़प के चलते कई भारतीय सैनिक नदी में गिर गए। पीएलए के सैनिकों ने पीछे हटने से इंकार कर दिया, जिसके बाद 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सेना एक निहत्थे गश्त दल को चीन सेना के पास भेजा गया। लेकिन चीनी सेना ने पीछे हटने से इनकार कर दिया और जानबूझकर तनाव पैदा करने की कोशिश की।

चीनी सैनिकों ने भारतीय प्रतिनिधि मंडल पर छड़, पत्थर और लकड़ी में लिपटे हुए कांटेदार तार से हमला कर दिया। भारतीय पक्ष ने भी जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सैन्य सूत्रों ने कहा कि झड़प में किसी भी तरह की आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल नहीं किया गया और चीनी पक्ष की ओर से पथराव और छड़ का इस्तेमाल करने के बाद अधिकांश चोटें लगी।

चीनी सैनिकों द्वारा किए गए हमले से कर्नल संतोष बाबू घायल हो गए। भारतीय सैनिकों सीओ और घायल हवलदार को वापस ले गए लेकिन वहाँ कुछ घायल सैनिकों को छोड़ गए। जिन्हें चीनी पक्ष ने तुरंत बंदी बना लिया। लगभग 40 मिनट के बाद वहीं यूनिट फिर वापस आई। उनके वहाँ फिर से आते ही चीजें और भी बढ़ गईं। भारतीय सैनिकों ने चीनी पोस्ट पर क्रूरता के साथ हमला किया और लगभग 55-56 चीनी सैनिकों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके चलते चीन के कई सैनिक मारे गए लेकिन चीन की तरफ से अबतक मारे गए सैनिकों की सटीक संख्या पर कोई पुष्टि नहीं हुई है।

झड़प देर रात तक चलती रही। दोनों सेना एक दूसरे पर पत्थर और छड़ें बरसाती रहीं। जिसके चलते बहुत सारे सैनिक घायल हो गए। यह झड़प तीन घाटे तक चली। आधी रात के बाद लड़ाई पूरी तरह से बंद हो हुई।  सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के कई शव नदी से निकाले गए, जबकि कई घायल सुबह तक डूब गए।