Vinesh Phogat Julana seat election 2024: पहलवानी के अखाड़े से सियासत के दंगल में उतरने वालीं विनेश फोगाट क्या जुलाना के चुनावी मुकाबले में कड़ी चुनौती में फस गई हैं? जुलाना में निश्चित रूप से चुनावी मुकाबला बहुत रोचक हो गया है क्योंकि इस सीट पर जीत के लिए कांग्रेस के अलावा बीजेपी, आम आदमी पार्टी, इनेलो-बसपा और जेजेपी ने भी पूरा जोर लगाया हुआ है। ऐसे में जुलाना सीट के नतीजे पर देश भर के राजनीतिक विश्लेषकों की पैनी निगाह है।

जब विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से ओलंपिक के फाइनल में नहीं खेल पाई थीं तो उनके पक्ष में सहानुभूति की लहर देखने को मिली थी। इसके बाद शायद कांग्रेस नेतृत्व को ऐसा लगा कि विनेश फोगाट को चुनाव मैदान में उतारकर उसे सियासी बढ़त मिल सकती है। इसलिए पार्टी ने विनेश फोगाट को जींद जिले की जुलाना सीट से चुनाव लड़ा दिया।

यह माना जा रहा था कि जुलाना सीट पर विनेश फोगाट की लोकप्रियता की वजह से कांग्रेस के लिए चुनावी मुकाबला आसान रहेगा लेकिन चुनाव प्रचार को देखें तो ऐसा लगता है कि यहां जोरदार मुकाबला है। विनेश फोगाट के सामने जुलाना में कई चुनौतियां हैं।

Vinesh Phogat Julana election, Vinesh Phogat Haryana Julana,
कौन जीतेगा जुलाना में चुनाव? (Source-phogat.vinesh/FB)

लगातार हार रही है कांग्रेस

इसमें पहली चुनौती जुलाना में कांग्रेस की लगातार हार के चक्र को तोड़ना है। कांग्रेस पिछले तीन विधानसभा चुनाव से यहां लगातार हार रही है। विनेश फोगाट के सामने दूसरी बड़ी चुनौती प्रमुख उम्मीदवारों का जाट समुदाय से होना है।

विनेश फोगाट के अलावा इनेलो-बसपा के उम्मीदवार डॉक्टर सुरेंद्र लाठर, जेजेपी-आसपा के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक अमरजीत ढांडा, आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कविता दलाल भी जाट समुदाय से ही हैं। ऐसे में यहां जाट वोटों का बंटवारा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता और यह डर कांग्रेस और विनेश को सता रहा है।

एक जो और चिंता कांग्रेस और विनेश के सामने है, वह यह कि इस सीट से टिकट मांग रहे नेता नाराज दिखाई दे रहे हैं। जुलाना सीट से टिकट के लिए कांग्रेस में कई लोगों ने आवेदन किया था लेकिन पार्टी ने विनेश फोगाट को टिकट देकर बाकी लोगों की उम्मीद पर पानी फेर दिया।

बीजेपी का फोकस गैर जाट वोटों पर

बीजेपी की रणनीति यहां गैर जाट वोटों को इकट्ठा करने की है और इसीलिए उसने ओबीसी समुदाय से आने वाले कैप्टन योगेश बैरागी पर दांव लगाया है।

कविता दलाल भी रही हैं पहलवान

आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कविता दलाल जुलाना हलके की ही रहने वाली हैं और वह WWE में खेलने वालीं पहली भारतीय महिला पेशेवर पहलवान हैं। वह लंबे वक्त से जुलाना में सक्रिय हैं और सोशल मीडिया पर काफी चर्चित भी रही हैं। उन्हें लेडी खली भी कहा जाता था।

विनेश फोगाट के लिए जुलाना में एक चुनौती यह भी है कि भले ही इस हलके में उनकी ससुराल है लेकिन लोगों से उनका सीधा जुड़ाव नहीं है। उनके मुकाबले कविता दलाल, अमरजीत ढांडा, डॉक्टर सुरेंद्र लाठर की पकड़ यहां ज्यादा है। सुरेंद्र लाठर बीजेपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह इनेलो-बसपा से उम्मीदवार बन गए।

इनेलो, जेजेपी भी हैं मजबूत

जुलाना सीट पर इनेलो भी काफी मजबूत है और 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां इनेलो ही जीती थी। ऐसे में विनेश की राह आसान नहीं दिखाई देती। 2019 के विधानसभा चुनाव में जेजेपी के उम्मीदवार अमरजीत ढांडा 24 हजार वोटों से जीते थे। इस बार अमरजीत के साथ सांसद चंद्रशेखर की पार्टी का भी समर्थन है। यहां लगभग 32 हजार दलित मतदाता हैं। इसलिए अमरजीत भी इस सीट पर कांग्रेस की राह मुश्किल कर रहे हैं।

जाट वोट बंटे तो क्या होगा?

जुलाना हलके में 70% जाट मतदाता हैं और आज तक यहां के सभी विधायक इसी समुदाय से बने हैं लेकिन अगर जाट वोटों का बंटवारा हुआ तो निश्चित रूप से कांग्रेस और विनेश फोगाट के लिए जुलाना में जीतना आसान नहीं रहेगा।