भारत के आर्थिक अपराध के कई आरोपी ब्रिटेन में मजे से रह रहे हैं और उनके प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार तमाम कानूनी कार्रवाई को अंजाम दे रही है। इस बीच एक बार फिर इन आरोपियों के भारत लौटने की उम्मीद बंधी है। इसकी वजह यह है कि सीबीआई ने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है।
बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रवर्तक भगोड़े विजय माल्या से लेकर, हीरा कारोबारी नीरव मोदी और हथियार डीलर संजय भंडारी ब्रिटेन में रह रहे हैं। इसके अलावा पंजाब के अलगाववादी ब्रिटेन में रह कर विवादित बयानबाजी करते हैं। ऐसे में ब्रिटेन के अधिकारियों से सीबीआई अधिकारियों की मुलाकात, आरोपियों को भारत वापस लाने की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है।
आज सीबीआई के अधिकारियों क मौजूदगी में भारतीय आरोपियों के प्रत्यर्पण के सिलसिले में भारत और ब्रिटेन ने आपसी कानूनी सहायता संधि के तहत कार्रवई में तेजी लाने और भगोड़े से संबंधित प्रत्यर्पण को प्राथमिकता देने के मुद्दे पर चर्चा की है। ब्रिटेन के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की सीबीआई मुख्यालय की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की हुई है। इसमें इंटरपोल के महासचिव पद के लिए ब्रिटेन के उम्मीदवार स्टीफन कवानाघ भी शामिल थे।
आपसी सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
इस दौरान सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद और एजेंसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने ब्रिटेन के साथ संरचनात्मक सहयोग बढ़ाने के बारे में कवानाघ के साथ डिटेल्ड जांच की है। सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने आपराधिक खुफिया जानकारी शेयर करने के और वित्तीय अपराध, साइबर अपराध और अन्य खतरों से निपटने सहित कई मुद्दों पर चर्चा भी की है।
सीबीआई ने कि दोनों पक्षों ने इंटरपोल चैनलों सहित समन्वित और प्रभावी तरीके से वैश्विक अपराध खतरों को संबोधित करने की प्रतिबद्धता शेयर की है।
सीबीआई ने कहा कि यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने में यूके और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।