विजय माल्या ने इस साल सितंबर तक बैंकों को 4000 करोड़ रुपये चुकाने का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में दिया है। एसबीआई की अध्यक्षता वाले बैंकों के संघ का माल्या पर कुल 9000 करोड़ रुपये बकाया है। बुधवार को जस्टिस कुरियन जोसेफ और रोहिंटन एफ नरीमन की बैंच के सामने बकाया चुकाने का शेडयूल पेश किया गया। इस पर विचार करने के लिए सु्प्रीम कोर्ट ने बैंकों को एक सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी।
बैंच ने बैंकों से कहा,’ यदि आप इसे खारिज करना चाहते हैं तो खारिज कर दें। जो आपको ठीक लगे वो करिए। एक सप्ताह में बताइए आपका क्या फैसला है।’ इस दौरान कोर्ट ने माल्या के वकीलों से पूछा कि क्या वह(माल्या) भारत वापस आ गए हैं। इस पर वकीलों ने कहा,’ नहीं, वे वापस नहीं आए हैं। अभी उनकी यहां जरूरत नहीं है।’ माल्या के वकीलों ने साथ ही कहा कि बकाया चुकाने के प्लान को सार्वजनिक न किया जाए। उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि मीडिया ने माहौल बिगाड़ रखा है। इस पर बैंच ने जवाब दिया,’ मीडिया अपना काम कर रही है। यह जनहित में काम करती है। वे चाहते हैं कि पैसा वापस किया जाए।’
Vijay Mallya’s Counsel said negotiations with banks are on but media is exaggerating the issue,therefore proposal should be kept sealed
— ANI (@ANI_news) March 30, 2016
Vijay Mallya offers Rs4000 Crore to repay bad debts, Supreme Court directs bank consortium to respond to proposal
— ANI (@ANI_news) March 30, 2016
इस दौरान बैंकों के वकील ने कहा कि माल्या को भारत आना चाहिए। उनकी मौजूदगी से बकाया चुकाने के शेड्यूल पर अंतिम चर्चा में मदद होगी। इससे पहले किंगफिशर एयरलाइंस चेयरमैन ने बकाए कर्ज का मामला सुलझाने के लिए बैंकों से संपर्क किया था। उन्होंने 2000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव देकर सारे मामले को खत्म करने को कहा था। हालांकि एसबीआई की अध्यक्षता वाले बैंकों के ग्रुप ने इसे खारिज कर दिया था। एक बैंक एग्जीक्यूटिव ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया,’हम इतनी छोटी राशि स्वीकार नहीं कर सकते। इसलिए प्रस्ताव को खारिज कर दिया।’
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