देश आज अपने इतिहास के गौरवशाली दिनों में से एक दिन को सम्मान के साथ याद कर रहा है। दरअसल आज ही के दिन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेके थे। उसके बाद से ही 16 दिसंबर को हम विजय दिवस के तौर पर मनाते हैं। इस युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था। 1971 की लड़ाई के दौरान फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने 13 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि “सरेंडर कर दो वर्ना हम तुम्हे नेस्तानाबूत कर देंगे।” भारतीय सेना ने विजय दिवस को याद करते हुए सैम मानेकशॉ के इसी वाक्य को ट्वीट कर लिखा है कि “फील्ड मार्शल ने अपने इन वाक्यों को जिया भी और दुनिया ने पहली बार 93000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर करते देखा।”
रक्षा मंत्रालय ने भी 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की उस ऐतिहासिक तस्वीर को ट्वीट किया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 16 दिसंबर, 1971। सबसे छोटा युद्ध (13 दिन) और सबसे बड़ा आत्मसमर्पण। हम अपने जाबांज सैनिकों और मुक्ति जोधाज, जिन्होंने इस ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
क्या है इस लड़ाई का इतिहासः बता दें कि आजादी के वक्त पाकिस्तान दो हिस्सों में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में बंटा हुआ था। पूर्वी पाकिस्तान, जिसे अब बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है, वहां रहने वाले बंगालियों को पश्चिमी पाकिस्तान में भेदभाव झेलना पड़ता था। यही वजह रही कि पूर्वी पाकिस्तान में अलगाव की भावना भड़क गई। पूर्वी पाकिस्तान में तत्कालीन नेता शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी गई। इस लड़ाई में भारत ने भी पूर्वी पाकिस्तान की मदद की।
जय हिंद, जय हिन्द की सेना।
‘You surrender or we wipe you out’ -Field Marshal Sam Manekshaw to Pakistan
13th December,1971.The Field Marshal lived his words as the world saw the unprecedented surrender of more than 93000 Pakistani troops.@PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/KSHm7CVXwj
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 15, 2018
जिसके चलते भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात बने और आखिरकार दोनों देश युद्ध के मैदान में आमने-सामने आ गए थे। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाते हुए उसके 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था। इस ऐतिहासिक लड़ाई को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर जवानों को याद किया। केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आज इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर पहुंची और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना के कई शीर्ष अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।