अकाली दल-बसपा के गठजोड़ के बाद दोनों ही पार्टियों के नेता गदगद हैं। इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब एक मीटिंग के दौरान बसपा नेता सतीश मिश्रा ने बसपा सुप्रीमो मायावती को फोन मिला प्रकाश सिंह बादल की उनसे बात कराई। वीडियो में साफ दिख रहा है कि दोनों किस आत्मीयता से एक दूसरे से रूबरू हुए।

दरअसल, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा चंडीगढ़ प्रवास पर हैं। अकाली दल से गठजोड़ के बाद वो प्रकाश सिंह बादल के साथ उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल के साथ मीटिंग कर रहे हैं। ऐसी ही मीटिंग के दौरान मायावती की बात उन्होंने बड़े बादल से कराई। इसमें ये भी दिखा कि 94 की उम्र में पंजाब के एक्स सीएम प्रकाश सिंह बादल कितने चुस्त दुरुस्त हैं। वो मायावती का शुक्रिया अदा कर इस बात पर खुशी जता रहे हैं कि दोनों दलों के बीच गठजोड़ हुआ। इस दौरान मायावती ने उनकी सेहत के बारे में में भी जाना।

गौरतलब है कि अकाली दल इससे पहले बीजेपी के साथ गठजोड़ करके पंजाब की सत्ता को हासिल करता रहा है। लेकिन कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया। पहले केंद्रीय मंत्री और सुखबीर की पत्नी हरसिमरत कौर मोदी कैबिनेट से बाहर आईं। उसके बाद एनडीए से भी उन्होंने नाता तोड़ लिया। नए परिवेश में अकाली दल ने बसपा के साथ चुनाव में जाने का फैसला लिया है। पंजाब की राजनीति में ये एक बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। बीजेपी के साथ कांग्रेस के लिए भी ये चुनौती हो सकता है।

उधर, मायावती ने रविवार को कहा कि देश में पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती क़ीमतों के कारण ज़रूरी वस्तुओं के दाम बढ़े हैं और इससे आम जनता परेशान है पर न तो राज्य सरकार इस पर ध्यान दे रही है और न ही केन्द्र सरकार। मायावती ने एक ट्वीट में कहा कि एक तरफ जनता कोरोना वायरस संक्रमण से परेशान है तो वहीं दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ने से जनता दुखी है लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं,यह अति-दुःखद है।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि देश के कई राज्यों में पेट्रोल व डीजल की कीमत लगभग 100 रुपये पहुंच जाने से लोगों के आक्रोश की खबर लगातार मीडिया की सुर्खियों में है। ऐसे में बसपा यह मांग करती है कि संक्रमण के इलाज संबंधी उपकरणों आदि पर जीएसटी कर को कम करके न्यायोचित बनाने की तरह ही सरकार महंगाई कम करने पर भी ध्यान दे, जिससे जनता को राहत मिले।