देश की शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है, इसकी बानगी उत्तर प्रदेश के जौनपुर में देखने को मिली, जहां एक स्कूल शिक्षिका ही 17 का पहाड़ा नहीं सुना सकीं। दरअसल जिले के डीएम ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया था। इसी निरीक्षण के दौरान उक्त घटना सामने आयी। डीएम ने पहाड़ा ना सुनाने वाली शिक्षिका को नौकरी से बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं।
घटना उत्तर प्रदेश के जौनपुर की है। जहां के मड़ियाहूं ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कुरनी का जिले के डीएम दिनेश कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम दिनेश कुमार सिंह ने विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र मीरा सिंह को 17 का पहाड़ा सुनाने को कहा, लेकिन शिक्षा मित्र पहाड़ा नहीं सुना सकीं, जिसके बाद डीएम ने शिक्षा मित्र की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए।
घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें डीएम ने शिक्षा मित्र मीरा सिंह से 17 का पहाड़ा सुनाने को कहा। मीरा सिंह पहाड़ा शुरू करते ही अटक गईं। इस पर डीएम ने एक अन्य महिला शिक्षक से पहाड़ा सुनाने को कहा। उस महिला शिक्षक ने पहाड़ा सुना दिया। इसके बाद डीएम ने मीरा सिंह पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
स्कूल में बच्चों की कम संख्या पर भी डीएम दिनेश कुमार सिंह ने नाराजगी जतायी। दरअसल स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या 222 है, लेकिन निरीक्षण के दौरान स्कूल में सिर्फ 9 बच्चे पाए गए। हैरानी की बात ये है कि स्कूल में अध्यापकों की संख्या बच्चों से ज्यादा थी। इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने अध्यापकों से बच्चों को घर-घर जाकर लाने के निर्देश दिए।
@drdwivedisatish आपका आभार मैं एक शिक्षामित्र हूँ आपकी आकांक्षा के अनुरूप 69000 भर्ती में हूँ।परंतु विभाग के सम्मान की लोगो में आस्था पर प्रश्न चिन्ह को आपने रोका।हम आप के आभारी रहेंगे पूरें शिक्षक परिवार के साथ क्योंकि डी एम आपके हमारे विभाग के ही बच्चे बनते हैं। pic.twitter.com/3ehxe557Sk
— Pankaj Kumar Chaurasia (@PankajK19742725) January 15, 2020
वहीं उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने बेसिक शिक्षा मित्रों का समर्थन किया। उन्होंने डीएम के सार्वजनिक तौर पर सवाल पूछने पर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि डीएम को शिक्षक पद की गरिमा रखनी चाहिए थी।

