आजादी की लड़ाई में अहिंसा के दम पर भारत की स्वतंत्र कराने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कद इतिहास से लेकर वर्तमान तक काफी बड़ा है। वह भारत देश में ही नहीं विदेशों में भी लोगों के प्रेरणास्रोत बनें। देश में एक तबका ऐसा भी है जो गांधी के विचारों से सहमत नहीं है और गांधी को देश में हुए कई विवादों के लिए जिम्मेदार मानता है। महात्मा गांधी को पढ़ना और समझना सामान्य ही है लेकिन युवा पीढ़ी में कम ही ऐसे विद्यार्थी नजर आते हैं जो गांधी को गहनता से पढ़ रहे हो।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वाराणसी का एक स्कूल छात्र महात्मा गांधी पर भाषण देता नजर आया। इस लड़के के भाषाण की धार से हर कोई आकर्षित है। छोटी सी उम्र में वह गांधी के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करता है। छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस छात्र की वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, सेंट्रल हिन्दू बॉयज स्कूल, वाराणसी के छात्र आयुष चतुर्वेदी का प्रार्थना सभा में “विद्रोह व मजबूती के प्रतीक- महात्मा गाँधी” विषय पर दिये भाषण को सुनकर इतना तो स्पष्ट है कि अब नई पीढ़ी ‘गाँधी का देश’ बचायेगी।

आयुष  अपने भाषण में एक बड़ी बात कही उन्होंने कहा कि बड़ी विडंबना है कि गांधी के देश के लोगों ने ही गांधी को सबसे कम पढ़ा और समझा है। हमारे पास फैंसी और फेसबुकिया ज्ञान है और हम  बंटवारे का शाश्वत कारण गांधी को मानते हैं। गांधी से बड़ा कोई हिंदू नहीं हुआ। लेकिन गांधी के हे राम से कोई कौमें डरती नहीं थी क्योंकि गांधी भारत में धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक थे। आज के समय में अहिंसा को कायरता और कमजोरी का प्रतीक समझा जाता है।