Atal Bihari Vajpayee: “मेरे प्रधानमंत्री बनने से राम मंदिर का मसला नहीं सुलझेगा।” ये बात भारत रत्न और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक इंटरव्यू में कही थी। उन्होंने अयोध्या मुद्दे को लेकर पूछे गए सवालों के बेबाकी से जवाब दिए थे। स्पष्ट किया था कि मंदिर का मसला सुलझाना उनके जिम्मे नहीं था। न ही यह मुद्दा उनकी प्राथमिकताओं में था।
पूर्व पीएम ने ये बातें ‘एनडीटीवी’ से कही थीं। पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने तब पूछा था- क्या आपको अयोध्या जैसे मसले से निपटने में दिक्कत हुई थी? पूर्व पीएम ने जवाब दिया, “हां, उसमें समझौता करना पड़ता है। कीमत चुकानी पड़ती है। लोगों को साथ लेकर चलना भी जरूरी है। वरना आप इतने विशाल और विविधतापूर्ण देश में कुछ कर नहीं सकते।”
आगे पूछा गया- विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), मंदिर के मसले को लेकर आप पर हमला करती है, तब कैसा लगता है? अटल इस पर बोले थे, “मंदिर का मसला सुलझाना मेरे जिम्मे नहीं था। वह मेरे विषयों में नहीं था। वह सुलझाया जा सकता था। मैंने अपना मत लोगों के सामने रखा था कि अयोध्या में मंदिर तो टूट गया लेकिन काशी और मथुरा को छुआ न जाएगा। यह मान कर समझौते का रास्ता निकाल सकते हैं। फिर भी मुझे भरोसा नहीं है कि मुसलमानों के सारे वर्ग इसे स्वीकार कर लेते।”
राजदीप का अगला सवाल था- क्या आप फिर पीएम बने, तो अयोध्या का मसला हल होगा? बकौल पूर्व पीएम, “मेरे पीएम बनने से नहीं होगा। ये साधु-संतों को समझ में आएगा, हिंदू संगठनों को सहयोग मिलेगा, तब यह मसला हल हो सकता है। कोशिश करेंगे कि समस्या का समाधान हो जाए।” देखें अटल का यह इंटरव्यू–