ज्ञानवापी मस्जिद केस पर आधारित एक टीवी डिबेट गुरुवार को इस्लाम और उसके तहत महिलाओं को मिलने वाले अधिकारों के मसले की ओर चली गई। दरअसल, ऑडियंस में शामिल एक बच्ची ने पैनलिस्ट शोएब जमई से पूछ दिया था कि क्या इस्लाम महिलाओं को समान अधिकार देता है? क्या उसके तहत चौथे शौहर की आजादी है? जमई इसका स्पष्ट जवाब न दे सके। एंकर ने इस बाबत उन्हें टोका, लेकिन इसके बाद भी वह शौहर वाले सवाल पर स्पष्ट उत्तर न दे सके।

आगे शो में एक पल ऐसा भी आया, जब पत्रकार अंजना ओम कश्यप को जमई से यह कहना पड़ गया कि वह या तो स्टूडियो में रहें या फिर बाहर चले जाएं। कार्यक्रम को हाईजैक करने की कोशिश न करें।

यह पूरा वाकया हिंदी चैनल आज तक के डिबेट कार्यक्रम दंगल से जुड़ा है। होस्ट अंजना और पैनलिस्ट जमई के साथ इसमें कुछ और पैनलिस्ट भी मौजूद थे। इस बीच, लड़की ने जमई से सवाल दागा- शहजाद पूनावाला ने बताया कि वह जानते हैं कि आप जगदीश से जमई कैसे बने। आपने उसके जवाब में कहा कि इस्लाम सबको समान अधिकार देता है, इसलिए आपने इस्लाम को अपनाया है। ऐसे में क्या इस्लाम महिलाओं को समान अधिकार देता है? क्या इस्लाम में किसी महिला को यह हक है कि वह अपना चौथा शौहर बना सकती है या आप किसी के चौथे शौहर बनना चाहते हैं?

जमई ने इस पर कहा- बड़े वलीअल्लाह ने बांग्लादेश से अजमेर तक सफर किया। कहा जाता है कि 90 लाख लोगों ने इस्लाम कबूला…वे कौन लोग थे? वह वे सताए वर्ण-व्यवस्था के सताए लोग थे, जिन्हें मंदिरों में नहीं जाने दिया जा रहा था। जिन्हें स्तन ढंकने की इजाजत नहीं थी।

इसी बीच, अंजना ने उन्हें टोका और कहा कि आपके पास जवाब नहीं है। क्या मस्जिदों में लड़कियों को इबादत करने के लिए जाने देते हैं? मेरे इस सवाल का जवाब दे दीजिए। जमई फिर बोले- दुनिया के इतिहास में देख लीजिए, पिता की संपत्ति में अगर बेटी को हिस्सा किसी ने दिया, तो वह इस्लाम ने दिया। जमई ने इसके बाद भी उदाहरण देते हुए अपनी बात जारी रखी, पर एंकर ने उसे खारिज करते हुए कहा कि आपके पास सीधा जवाब नहीं है।

बकौल अंजना, “आपके पास जवाब नहीं है। मैं इसलिए वक्त नहीं बर्बाद करूंगी। जो सवाल उसने पूछा, उसका जवाब दें।” जमई ने कहा, “कई देशों में महिलाएं नमाज पढ़ती हैं।” उन्होंने आगे दावा किया कि औरंगजेब और मुगलों के विषय पर सर्वाधिक गाथा और सबसे अधिक तारीफ हिंदू ब्राह्मण इतिहासकारों ने लिखी है। कोई एक मुसलमान का नाम बता दें, जिन्होंने बड़ी बड़ी किताबें लिखी हों।

जमई मौजूदा समय में जेएपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वह इसके अलावा इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन में अध्यक्ष भी हैं। वह इसके अलावा सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बने दिल्ली के शाहीन बाग में चालू हुए आंदोलन के को-कन्वीनर भी रह चुके हैं। उन्होंने लंग कैंसर बायोलॉजी में पीएचडी की है।