राम मंदिर विवाद आस्था का प्रश्न है या जमीन के मालिकाना हक का विवाद, देश में इस मुद्दे पर लगातार बहस चल रही है। लोग अपने अपने विचार और आस्था के मुताबिक इस सवाल का जवाब दे रहे हैं। हालांकि इस मामले में आखिरी फैसला अदालत को करना है। लेकिन इस समय ये टॉपिक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है और मीडिया में इस पर लगातार चर्चे हो रहे हैं। गुरुवार (23 मार्च) को अंग्रेजी न्यूज चैनल इंडिया टुडे पर ऐसी ही एक जोरदार बहस देखने को मिली। इस बहस में बीजेपी नेता संबित पात्रा और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी शिरकत कर रहे थे। बहस के दौरान ओवैसी ने जब राम मंदिर विवाद को जमीन के मालिकाना हक का केस बताया था तो बीजेपी नेता संबित पात्रा भड़क उठे। संबित पात्रा ने कहा, ‘ ओवैसी साहब मक्का मदीना आपके लिए महज जमीन का एक टुकड़ा नही है, आपके लिए ये आस्था का सवाल है, इसलिए आप ये कहने की हिम्मत ना करें कि राम जन्मभूमि जमीन का मात्र एक टुकड़ा है, ये करोड़ों लोगों के लिए आस्था का सवाल है, इसलिए कृपया करोड़ों भारतीयों की आस्था के साथ खेलने की कोशिश ना करें।’

संबित पात्रा की इस टिप्पणी के बाद सांसद ओवैसी भी भड़क गये, उन्होंने कहा, ‘आप मुझे धमकाने की कोशिश ना करें, आप अपने विचार रखिए लेकिन मुझे धमकाइए नहीं, मैं आपकी धमकी से झुकने वाला नहीं हूं।’ इस टिप्पणी पर संबित पात्रा ने कहा कि आप भगवान नहीं है जो आपके सामने मैं अपनी बात भी नहीं रख सकूं। इसके बाद ओवैसी ने कहा, ‘ना आप भगवान हैं ना मैं, हमे अपनी बातें कहने का हक है।’

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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि अयोध्या में राम मंदिर विवाद के मुद्दे को अदालत से बाहर सुलझाया जाना चाहिए। इसके लिए इस विवाद से जुड़े पक्षकारों को पहल करनी चाहिए और यदि जरुरत पड़ी सुप्रीम कोर्ट भी इसमें मध्यस्थता करने को तैयार है। कोर्ट की इस टिप्पणी का हिन्दू संगठनों ने स्वागत किया था। यहां तक कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कोर्ट के इस फैसले के पक्ष में अपनी राय दी थी।