Avalanche In Uttarakhand Chamoli: उत्तराखंड के चमोली में 28 फरवरी को सुबह 7:15 बजे एवलांच आया। बर्फ का पहाड़ खिसका जिसकी चपेट में 55 लोग आ गए। अब तक 50 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें से चार लोगों की मौत हो गई है और पांच लोगों की तलाश अभी भी जारी है। हिमस्खलन का शिकार बने मजदूर ने अपनी पूरी आपबीती सुनाई है। उसने बताया कि कैसे बर्फ का सैलाब मजदूरों के ऊपर टूट पड़ा।

हिमस्खलन का शिकार बने पिंटू कुमार ने दैनिक भास्कर को बताया कि सुबह के करीब 6 बजे का वक्त था। बाहर बर्फ पड़ रही थी। कैंप के अंदर सभी मजदूर अपने-अपने कंटेनरों में थे। अचानक ही अजीब सी एक गड़गड़ाहट सुनाई दी, जैसे कोई विशालकाय चीज टूटकर गिर रही हो। लगा कि हवा का कोई झोंका होगा। लेकिन कुछ ही पलों में आवाज इतनी तेज हो गई कि दिल तेजी से धड़कने लगा। कोई बाहर जाने की हिम्मत भी नहीं कर रहा था।

कुछ लोग भागो-भागो चिल्लाने लगे- पिंटू कुमार

पिंटू कुमार ने बताया कि आवाज काफी तेजी से बढ़ती ही जा रही थी। गर्जन, कंपन और एक अजीब-सा ‘भयानक शोर। फिर कुछ लोग बाहर देखने के लिए निकले, तो वे भागो-भागो चिल्लाने लगे। मैंने तुरंत दरवाजा खोला और देखा पहाड़ की ऊंचाई से बर्फ का विशालकाय सैलाब हमारी तरफ गिरता चला आ रहा था। हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। जिसको जहां मौका मिला वो भागा, तब तक बर्फ का सैलाब हमारे ऊपर टूट पड़ा। फिर मुझे अचानक लगा कि मैं हवा में उछल गया हूं। इसके बाद में मुझे फिर कुछ भी याद नहीं, सेना के जवानों ने ही मुझे बर्फ से बाहर निकाला।

कब थमेगा जोखिम का पहाड़?

माणा भारत का पहला गांव

लगभग 1,200 की आबादी वाला माणा भारत-चीन बॉर्डर से सिर्फ 55 किमी दूर 10,500 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है और इसे अक्सर पहला भारतीय गांव कहा जाता है। शुक्रवार की सुबह जब हिमस्खलन हुआ, जिसने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को तबाह कर दिया, तो माणा में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सर्दियों के महीनों में चमोली जिले के गोपेश्वर, ज्योतिर्मठ और झिंकवान में रहने वाले लोगों के कारण पूरा गांव वीरान हो गया था।

हिमस्खलन के बाद से ग्रामीण अपने आपको भाग्यशाली मान रहे हैं क्योंकि जब यह आपदा आई तब वे वहां से दूर थे। हर साल नवंबर और अप्रैल के बीच माणा के ग्रामीण सर्दियों की स्थिति से बचने के लिए निचले इलाकों की ओर चले जाते हैं, जहां तापमान अक्सर शून्य से 17 डिग्री सेल्सियस नीचे या उससे भी नीचे चला जाता है। पल-पल की अपडेट्स के लिए पढ़ें लाइव ब्लॉग