* शामली में सोलह साल पहले वह जब सिर्फ छह माह का था, उसके पिता का कत्ल कर दिया गया। उसकी मां उसे उसे गोद में लेकर गांव से भाग गई।
* दो साल पहले शामली मेन रोड पर उसने अपने मौसेरे भाई के साथ मोटर साइकिल पर सवार होकर सरेराह इंतकाम लिया। इन दोनों ने उस आदमी को गोलियों से भून दिया, जिसने उनके चाचा-मौसा की हत्या की थी।
* बीते सोमवार को मुजफ्फरनगर जिला अदालत में वह कमउम्र शूटर वकील के लिबास में, पगड़ी पहनकर आया और जज के सामने कटघरे में खड़े अपराध सरगना विक्की त्यागी को गोलियों से भून दिया।
भालरी गांव में एक वृद्धा चारपाई पर बैठी हुक्का गुड़गुड़ाते हुए कहती है: उसने घर की इज्जत रख ली। वह बेफिक्र होकर कहती है : यह तो मूंछों की लड़ाई है। यह जर-जमीन का झगड़ा नहीं। हमें किसी बात का पछतावा नहीं है।
वह खूनी दुश्मनी की दास्तान बता रही थी कि किस तरह दो परिवारों के बीच रंजिश शुरू हुई और कत्ल का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद उसके भतीजे ने स्कूल छोड़ दिया और बदला लेना शुरू किया। स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों के अनुसार, अदालत में विक्की त्यागी की हत्या इस रंजिश का नया अध्याय है। इससे पहले खूनी सिलसिले में कथित किशोर के पिता, छोटे चाचा , सौतेले पिता की हत्या हो चुकी थी।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी केबी सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ‘हत्यारे’ ने बताया कि उसने विक्की त्यागी की हत्या इसलिए की, क्योंकि वह उसे मारना चाहता था। मामले की जांच चल रही है, जबकि अभियुक्त को मुजफ्फरनगर जेल भेज दिया गया है।
भालरी गांव में अभियुक्त लड़के की मौसी और अन्य ग्रामीण कहते हैं कि जिस दुश्मनी ने तीन पीढ़ियों में दर्जनों लोगों की जान ले ली, उसके पीछे सिर्फ ताकत और कुर्सी की लड़ाई है। इस गांव में तीन हजार जाट परिवार हैं। गांव में प्रधानी पर कब्जे को लेकर सारी रार शुरू हुई। एक ग्रामीण मोहकम मलिक का कहना है कि प्रधान यहां का राजा है, वह जो कहता है, सबको करना पड़ता है। अभियुक्त की मौसी का कहना है कि यही कारण है जिससे दो परिवारों के बीच दुश्मनी फैली। एक दूसरे को रोकने का यही तरीका था कि बैरी को साफ कर दो। इस समय गांव की प्रधान उस आदमी की पत्नी है जिसे दो साल पहले उसके भतीजे और उसके मौसेरे भाई ने गोलियों से उड़ा दिया था।
शामली में स्थानीय पुलिस चाची के बयान को सही बताती है। लेकिन साफ तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। फुलगाना थाने के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधान के परिवार और किशोर अभियुक्त के परिजनों के बीच दुश्मनी जगजाहिर है। उधर मुजफ्फरनगर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विक्की त्यागी की हत्या में संभवतया इस किशोर का बड़े माफिया सरगनाओं ने इस्तेमाल किया होगा।
भालरी गांव की हकीकत यह है कि गांववाले या तो प्रधान के तरफदार हैं या फिर किशोर गुनहगार की मौसी के। वे मौसी के कथन को सही ठहराते हैं। पर सामने कोई कुछ नहीं बोलना चाहता। वे किसी पक्ष की तरफ नहीं दिखना चाहते। एक गांव वाला कहता है कि दोनों परिवार आपस में संबंधी हैं, फिर भी सालों से एक-दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं।
बहरहाल प्रधान के परिवार वाले बातचीत को तैयार नहीं हुए। प्रधान के सुरक्षा गार्ड से बात की गई तो उसने कहा कि वे शादी समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली गई हैं। उधर किशोर का घर वीरान पड़ा है। पुलिस घर के बाहर तैनात है। पर अंदर कोई नहीं। मौसी का कहना है कि लड़के की दादी की मौत के बाद से घर बंद पड़ा है। वह बताती है कि उसकी बहन डर की वजह से गांव नहीं आती। उसे अपनी बेटी के भविष्य की फिक्र है।
मौसी के घर में उनकी एक और बहन है। दोनों ही बहनों के पति दुश्मनी में मारे जा चुके हैं। घर में उनकी चार बेटियां साथ रहती हैं। बड़ी मौसी कहती है कि घर में उनकी लड़किया ही सारा कामकाज देखती हैं क्योंकि कोई मरद नहीं रह गया। मेरे पति को जहर देकर मारा गया। मेरी दोनों बहनों के पतियों को सरेआम कत्ल कर दिया गया। घर के दोनों लड़के (भतीजे) जेल में बंद हैं। इसलिए घर में कोई आदमी नहीं दिखता।
मौसी ने ने अपने भतीजे की दास्तान मुख्तसर में यो बताई, ‘जब वह छह माह का था, उसके पिता को मार दिया गया। उसकी मां ने देवर से शादी कर ली। फिर वे गांव से चले गए। लेकिन भाई की हत्या का बदला लेने के लिए वह फिर वापस आया। लेकिन उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद दादी ने किशोर को गांव से बाहर भेज दिया। इसके बाद एक और चाचा की हत्या हुई। उनकी मौत पर कोई मौतम मनाने के बजाय दोनों भाइयों ने अपने पिताओं की हत्या का बदला लेने का फैसला कर लिया।
मौसी ने बताया कि लड़कों ने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। दो साल पहले उन्होंने बाइक पर सवार होकर उस आदमी को घेरा, जिसकी पत्नी प्रधान है। दोनों भतीजों ने सरेराह उसे गोलियों से भून दिया।’ इस कत्ल के बाद दोनों पकड़े गए लेकिन उम्र कम होने के कारण बच्चों की जेल में भेजे गए। 15 अप्रैल 2014 को वह ( विक्की का कातिल) जेल से भाग गया। पुलिस ने भी उसे गिरफ्त से बाहर बताया। उसके बाद वह सीधे मुजफ्फरनगर की अदालत में दिखा, जहां उसके सामने उसका शिकार जरायम की दुनिया का सरगना विक्की त्यागी था।
मौसी फरमाती है: अगर घर में लड़का होता है तो यह सब होता है। आज कोई गया तो खानदान में कोई और चिराग आएगा।