देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इन दिनों ऐसा लग रहा है जैसे वह विपक्षी दलों के साथ अपने रिश्ते को बदलना चाहते हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के पहले वह पश्चिम बंगाल के गवर्नर थे और उस समय ममता सरकार के साथ उनकी खूब बहस हुआ करती थी। कई बार सार्वजनिक कार्यक्रमों से ही जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की थी, जिसको लेकर वह तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर भी रहते थे।

लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ अपनी छवि बदलने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले सप्ताह जगदीप धनखड़ ने सदन के नेताओं के लिए डिनर का आयोजन किया था। वहीं इस सप्ताह भी उन्होंने 40 राज्यसभा सांसदों को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया। इस दौरान कई सांसद असमंजस में भी पड़े रहे कि आखिर जगदीप धनखड़ उनके प्रति ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं।

हालांकि जिन 40 सांसदों को जगदीप धनखड़ ने डिनर पर बुलाया, उसमें तृणमूल कांग्रेस का कोई भी सांसद नहीं था। ऐसा लगता है जैसे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल को अभी तक टीएमसी भूली नहीं है। हालांकि जगदीप धनखड़ की डिनर पार्टी में दस डीएमके सांसदों की मौजूदगी थी। वहीं जब उपराष्ट्रपति को पता चला कि कनिमोझी एनवीएन सोमू का जन्मदिन है, तो उन्होंने केक काटने की रस्म भी अदा की। कई नेता इशारों में यह पता करने की कोशिश कर रहे थे कि इन सब के पीछे अगर क्या बात है?

जगदीप धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब ममता सरकार के साथ उनकी खूब बहस होती थी। जब 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आए, उसके बाद राज्य में जो हिंसा हुई उसको लेकर तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार की तीखी आलोचना की थी। इसको लेकर भी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा था।

बता दें कि एक हफ्ते पहले जगदीप धनखड़ गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया जिले में स्टैचू ऑफ यूनिटी देखने भी पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर लौह पुरुष सरदार पटेल को नमन किया था। बता दें कि जगदीप धनखड़ कांग्रेस पार्टी में भी रह चुके हैं और पार्टी के टिकट पर विधायक भी बन चुके हैं।