Vice President Election: विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी की रिटायर्ड जजों ने आलोचना की थी। इस पर अब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी है और कहा कि रिटायर्ड जज इसमें क्यों पड़ना चाहते हैं। गृह मंत्री के खिलाफ पत्र लिखना और सिग्नेचर कैंपेन चलाना सही नहीं है।
किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा, “अभी उपराष्ट्रपति का चुनाव चल रहा है और कुछ दिन पहले कुछ रिटायर्ड जज थे, उन्होंने गृह मंत्री के खिलाफ सिग्नेचर कैंपेन चलाया था और उनके खिलाफ टिप्पणी की थी। गृह मंत्री के खिलाफ उन्होंने कुछ लिखा है, यह सही नहीं है। यह उपराष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है। यह राजनीतिक मामला है और रिटायर्ड जजों को इसमें क्यों पड़ना चाहिए। इससे यह लगता है कि ये लोग जब जज थे तो उनकी एक अलग विचारधारा रही होगी। नहीं तो गृह मंत्री के बारे में सिग्नेचर कैंपेन चलाकर लेटर लिखना यह सही नहीं है। मैंने अभी यंग लॉयर्स के सामने भी यह सब रखा है।”
पूर्व जजों ने चलाया था सिग्नेचर कैंपेन
बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर अमित शाह ने हाल ही में नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया था। इस पर 18 रिटायर्ड जजों के एक समूह ने कहा कि ऊंचे पदों पर बैठे व्यक्ति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या से न्यायाधीशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
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अमित शाह की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस जे चेलमेश्वर सहित 18 रिटायर्ड जजों के समूह ने कहा, “सलवा जुडूम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सार्वजनिक रूप से गलत व्याख्या करने वाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला न तो स्पष्ट रूप से और न ही लिखित निहितार्थों के माध्यम से नक्सलवाद या उसकी विचारधारा का समर्थन नहीं करता है।” इस बयान पर सिग्नेचर करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ए के पटनायक, जस्टिस अभय ओका, जस्टिस गोपाल गौड़ा, जस्टिस विक्रमजीत सेन, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस जे चेलमेश्वर शामिल हैं।