तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) ने उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार चुनने में टीएमएसी की अनदेखी की गई है इसलिए पार्टी ने इन चुनावों में दूर रहने का फैसला किया है। पार्टी ने यह भी साफ किया कि वह एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन नहीं करेगी।
विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। इस पर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “राज्यसभा और लोकसभा में टीएमसी के कुल 35 सांसद हैं। जिस तरह से विपक्ष के उम्मीदवार का फैसला किया गया था, उसमें ना तो टीएमसी से कोई परामर्श लिया गया और ना ही कोई विचार-विमर्श किया गया। इस वजह से हमने सर्वसम्मति से मतदान प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला किया है।”
वहीं, एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन दिए जाने पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इसका तो सवाल ही नहीं उठता है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त को वोटिंग होगी। बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी काफी एक्टिव नजर आई थीं और राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा के नाम पर उन्होंने भी सहमति जताई थी।
कौन हैं मार्गरेट अल्वा
मार्गरेट अल्वा कर्नाटक के मैंगलोर के कैथोलिक परिवार से हैं। उन्होंने 1969 में राजनीति में कदम रखा और 1975 से 1977 के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव पर रहीं। इसके बाद 1978 से 1980 के बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में काम किया।
1974 में उन्हें राज्यसभा में कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया। इसके बाद लगातार तीन बार वो राज्यसभा के लिए चुनी गईं। अल्वा 5 बार सांसद और 4 बार राज्य मंत्री रह चुकी हैं। इसके अलावा, वो उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात और गोवा की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। मार्गरेट अल्वा की शादी निरंजन अल्वा से हुई थी। उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं।