Vice President CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को पद की शपथ दिलाई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता मौजूद रहे। फिर कुछ घंटों के बाद राधाकृष्णन ने राज्यसभा में राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की।
राधाकृष्णन से पहले जगदीप धनखड़ के साथ विपक्षी दलों का टकराव रहता था। पिछले साल तो विपक्ष ने उन्हें हटाने हटाने के लिए प्रस्ताव लाने का नोटिस भी दिया था। बीते समय की इन तकरारों को देखते हुए, अब विपक्षी नेता नए उपराष्ट्रपति से यह उम्मीद कर रहे हैं कि वे सभी दलों को बराबरी का मौका दें, उनका सम्मान करें और उनकी बातों को ध्यान से सुनें।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी जीवन की यात्रा के बारे में बात करते हुए सीपी राधाकृष्णन ने बताया कि उनके चाचा कभी कांग्रेस के सांसद थे और उनके दादा कम्युनिस्ट थे। उनके चाचा सीके कुप्पुस्वामी कोयंबटूर से तीन बार सांसद रहे। तमिलनाडु कांग्रेस के वाइस-प्रेसिडेंट रहे कुप्पुस्वामी 1984 से 1996 तक सांसद रहे। कुछ समय के लिए वे एक्टर शिवाजी गणेशन द्वारा गठित एक राजनीतिक दल में शामिल हुए।
विपक्षी सांसदों ने की मुलाकात
जब कांग्रेस के जयराम रमेश, माकपा के जॉन ब्रिटास, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव और डीएमके की कनिमोझी एनवीएन सोमू सहित विपक्षी सांसदों ने राधाकृष्णन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि विपक्ष की बात सुनी जाए, तो उपराष्ट्रपति ने उनसे कहा कि वे “कई दशकों से विपक्ष में” हैं और जानते हैं कि “विपक्ष में रहने का क्या अनुभव होता है।”
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उपराष्ट्रपति ने विपक्षी नेताओं से कहा कि वह निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करेंगे और उनका सहयोग मांगा। हालांकि, इस टिप्पणी से विपक्षी नेताओं का मन खुश हुआ, लेकिन उनमें से कई ने कहा कि वे सदन में उनके रुख पर नजर रखने को प्राथमिकता देंगे। बाद में रमेश और ब्रिटास ने मुस्कुराते हुए राधाकृष्णन को उनके चाचा और दादा की याद दिलाई। एक विपक्षी सांसद ने कहा, “यह एक बहुत ही सौहार्दपूर्ण बैठक थी। वह बहुत विनम्र थे और अपने पूर्ववर्ती के विपरीत, कम बोलते थे और ज्यादा सुनते थे।”
संसद भवन में मौजूद राधाकृष्णन के कार्यालय में हुई यह मीटिंग करीब आधे घंटे से ज्यादा चली। बैठक में उपसभापति हरिवंश, बीजेपी के मुख्य सचेतक लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई, वाईएसआरसीपी के अयोध्या रामी रेड्डी, तृणमूल कांग्रेस के जीके वासन और राजद के प्रेमचंद गुप्ता भी मौजूद थे।
शपथ ग्रहण समारोह में ये नेता हुए शामिल
राधाकृष्णन ने इंग्लिश में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री और राजनाथ सिंह , अमित शाह , नितिन गडकरी और जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के अलावा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला , भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस , मध्य प्रदेश के उनके समकक्ष मोहन यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस कार्यक्रम में विपक्ष के प्रतिनिधि थे।
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