गौरक्षकों पर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर दक्षिणपंथी संगठनों ने काफी नाराजगी जताई है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता ने कहा है कि उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले यह मुसलमानों को खुश करने के लिए दिया गया बयान है। उस नेता ने चेताया है कि 2019 में नरेंद्र मोदी हिंदुओं का वोट खो सकते हैं। उधर, अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के सदस्यों ने रविवार को नरेंद्र मोदी के पोस्टर को यह कहते हुए दूध पिलाया कि मोदी आस्तीन के सांप हैं।
विहिप उपाध्यक्ष (ब्रज) सुनील पाराशर का कहना है- मोदीजी को उनके बयान के लिए जनता माफ नहीं करेगी और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए सत्ता में वापसी मुश्किल हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने गौरक्षकों की भावनाएं आहत की हैं। उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में इसकी कीमत चुकानी होगी। हमारे गौरक्षक गायों को बचाते हुए जान दे रहे हैं और मोदीजी उन्हें अपराधी करार दे रहे हैं। यह सही नहीं है। विहिप उनके बयान की आलोचना करता है। अटल बिहारी वाजपेयी ने काफी अच्छी सरकार चलाई थी। पर पाकिस्तानी राष्टप्रति परवेज मुशर्रफ के प्रति असाधारण प्यार और दोस्ती दिखाने के चलते वह भी सत्ता में लौट नहीं पाए थे। नवाज शरीफ से ज्यादा दोस्ती जताने वाले नरेंद्र मोदी के साथ भी ऐसा ही होगा।
उधर, हिंदू सभा प्रमुख (अलीगढ़) पूजा शकुन पांडे का कहना है कि मोदी को गौरक्षा के नाम पर दुकान चलाने वालों के नाम बताना चाहिए। उन्होंने वोट पाने के लिए गौरक्षा के नाम पर लोगों को लुभाने की कोशिश की है। असल में वह आस्तीन का सांप निकले।
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नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जनता से सीधे संवाद में कहा था कि गौरक्षा के नाम पर रंगदारी चल रही है। रात में अपराध करने वाले लोग दिन में गौरक्षक बन जाते हैं। उन पर लगाम लगाए जाने की जरूरत है। रविवार को एक कार्यक्रम में फिर उन्होंने ऐसे ही विचार दोहराए थे। उन्होंने तेलंगाना में कहा था कि मारना है तो मुझे मार लो, मेरे दलित भाइयों को मत मारो। बताा दें कि कुछ दिन पहले गुजरात के उना में मरी हुई गाय का चमड़ा निकालने के नाम पर कुछ दलितों की जबरदस्त पिटाई की गई थी। इस घटना के बाद से गौरक्षा और इसके नाम पर दलित व मुस्लिम उत्पीड़न का मुद्दा काफी चर्चा में आ गया है।