Lok Sabha Election 2019: साल 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव में पुराने चेहरों के साथ ही कई नए चेहरे देखने को मिलेंगे। इन सब के बीच कुछ ऐसे पुराने व जाने पहचाने चेहरे भी है जो इस बार लोकसभा में नहीं दिखाई देंगे। इन दिग्गज नेताओं ने स्वेच्छा से इस बार चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। पवार के इस फैसले से कई लोगों को हैरानी भी हुई है। इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि वह सोलापुर के माढ़ा सीट से चुनाव लड़ेगे। 78 वर्षीय शरद गोविंदराव पवार मराठा छत्रप के रूप में जाने जाते हैं।
छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय पवार 1967 में पहली बार विधायक चुने गए थे। पवार तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। साल 2014 में वह छठी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वे केंद्र सरकार में रक्षा व कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। साल 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मुद्दे पर उन्होंने अपनी नई पार्टी एनसीपी बनाई थी। पवार साल 2005 से 2008 तक बीसीसीआई और 2010 से 2012 तक आईसीसी के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। पवार के बेटी सुप्रिया सुले उनकी राजनीतिक विरासत को अच्छी तरह संभाल चुकी है।

राम विलास पासवानः लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने भी इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। 50 साल में यह पहली बार है कि रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगे। पासवान बिहार के हाजीपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। पिछले 30 साल से हाजीपुर पासवान का गढ़ रहा है। पासवान ने 1977 में 4.24 लाख मतों से चुनाव जीतकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। पासवान के चुनाव नहीं लड़ने के पीछे स्वास्थ कारणों का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन पासवान के राज्यसभा से संसद पहुंचने का विकल्प खुला हुआ है।

तथागत सत्पथीः बीजू जनता दल के वरिष्ठ सांसद तथागत सत्पथी ने 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। सत्पथी कह चुके हैं कि वह किसी राजनीतिक दल में नहीं रहने वाले हैं। वह अपने पुराने पेशे पत्रकारिता में वापसी करेंगे। 62 वर्षीय तथागत को ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक राजनीति में लेकर आए थे। वह संसद में बीजू जनता दल के मुख्य सचेतक भी थे। सत्पथी साल 2014 में ढेकानाल सीट से सांसद चुने गए थे। तथागत चार बार सांसद रह चुके हैं।

वह ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नंदिनी सत्पथी के पुत्र हैं। सत्पथी ओडिया दैनिक समाचार पत्र धरित्री और अंग्रेजी दैनिक ओडिशा पोस्ट के मालिक होने के साथ ही संपादक भी हैं।
कमल नाथः कांग्रेस के दिग्गज नेता और नौ बार के सांसद कमलनाथ इस बार संसद में नहीं दिखाई देंगे। छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव में जीत का पर्याय बन चुके कमलनाथ अब राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नई भूमिका में हैं। इस वजह से वह 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगे। मालूम हो कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की 15 साल बाद सत्ता में वापसी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कमलनाथ के लिए चुनाव प्रचार कर चुकी हैं। एक सभा में इंदिरा ने कमलनाथ को जिताने की अपील करते हुए उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया था। यूपी के कानपुर में जन्मे कमलनाथ की स्कूली शिक्षा दून स्कूल में हुई। यहीं से वह संजय गांधी के करीब आए थे।

कमलनाथ ने 1980 में 34 साल की उम्र में पहली बार छिंदवाड़ा से चुनाव जीता था।