Manmohan Singh Vegetarianism vs Non-Vegetarianism: पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। 1990 के दशक में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार के रूप में सम्मानित डॉ. सिंह ने 2004 से 2014 तक लगातार दो कार्यकालों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन अपनी राजनीतिक और आर्थिक उपलब्धियों से परे डॉ. सिंह सादगी और जमीनी मूल्यों के व्यक्ति थे, जो उनके खानपान की आदतों में भी नजर आता था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने NDTV से एक बार बातचीत में अपने खानपान को लेकर विचार साझा किए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं शाकाहार बनाम मांसाहार का कोई नैतिक कोड नहीं थोप रहा हूं। मुझे लगता है कि हमें समझदारी से चुनाव करना चाहिए। चिकित्सा विज्ञान भी अब इस निष्कर्ष पर पहुंच रहा है कि शाकाहारी भोजन मांसाहारी भोजन से बेहतर है।
मनमोहन सिंह को दही चावल, पापड़, अनार और अचार जैसे सादा भोजन बहुत पसंद थे। यह उत्तर भारतीय व्यंजन पूर्व प्रधानमंत्री का पसंदीदा था। एक और पसंदीदा व्यंजन कढ़ी चावल था, जो दही से बना व्यंजन था और कथित तौर पर एक आरामदायक भोजन था।
LIVE: मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दे रहा देश, कल कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होगी अंतिम यात्रा
एक शाकाहारी होने के बावजूद, डॉ. मनमोहन सिंह एक बार बांग्लादेश की यात्रा के दौरान अपने खानपान संबंधी नियमों को तोड़ने के लिए तैयार थे। पूर्व प्रधानमंत्री हिल्सा मछली के प्रति आकर्षित थे, जो एक बंगाली व्यंजन है जो अपने समृद्ध स्वाद और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
मनमोहन सिंह ने 2011 में एक समाचार एजेंसी से कहा था कि मैं अपना शाकाहारी व्रत तोड़ने को तैयार हूं क्योंकि मैंने हिल्सा मछली के स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में सुना है। इसलिए, मैं यह अपवाद करने को तैयार हूं।
हालांकि, अब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद सभी राजनीतिक दलों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने मई 2014 तक इस पद पर दो कार्यकाल पूरे किए थे। वे देश के पहले सिख और सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री थे। मनमोहन सिंह के निधन के चलते केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं।
यह भी पढ़ें-
जिन अन्ना हजारे ने हिला दी थी डॉ मनमोहन सिंह की सरकार, पूर्व PM के निधन पर अब क्या बोले
मनमोहन सिंह ने झेला था विभाजन का दर्द, किराए के घर में बिताए थे दिन, अमृतसर में हुई पढ़ाई