स्वतंत्रता सेनानी रहे विनायक दामोदर सावरकर के रिश्तेदार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दी है। गुरुवार (15 नवंबर) को उनके पड़पोते रंजीत सावरकर ने एएनआई से हुई बातचीत में कहा, “राहुल ने कल (बुधवार) एक चुनावी रैली में वीर सावरकर पर आरोप लगाया था कि सावरकर जी ने जेल से छूटने के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी थी। यह सरासर गलत तथ्य है। वह अंग्रेजों द्वारा 27 सालों तक जेल में कैद रखे गए थे। उनका अपमान व छवि खराब करने को लेकर मैंने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया है।”
राहुल के खिलाफ मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस थाने में यह शिकायत दर्ज कराई गई है। रंजीत ने उसमें बताया, ‘राहुल ने रैली में कहा था कि वीडी सावरकर को वीर सावरकर भी कहा जाता है। पर उन्होंने तो अंग्रेजों से लिखित में माफी मांग जेल से रिहा करने की दरख्वास्त की थी।’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष ने उसी रैली में सावरकर पर एक और आरोप भी लगाया। कहा था कि जिसे बीजेपी जैसी पार्टी पूजती हो, उस व्यक्ति ने अंग्रेजी हुकूमत को जेल से रिहा करने के लिए खत लिखा था, वह भी तब जब बापू (महात्मा गांधी) सरीखे जन नेता सलाखों के पीछे थे।
पीटीआई के अनुसार, गांधी बोले थे- पीएम मोदी ने संसद में सावरकर की तस्वीर रखी…पर जब देश में अंग्रेज राज कर रहे थे, तब सभी कांग्रेस के नेता जेल में थे। सावरकर ने तब अंग्रेजों को चिट्ठी लिखी थी। वह ‘वीर’ नहीं थे। राहुल ने आगे यह भी दावा किया कि सावरकर ने तब यह तक लिखा था कि वह अंग्रेजों के लिए कुछ भी करेंगे।
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, तब राहुल ने उनकी चेतावनी पर समय रहते माफी भी मांग ली थी। मगर कार्तिकेय ने उसके बाद भी कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाया था।
कौन थे सावरकर?: सावरकर न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि राजनेता, वकील, लेखक के रूप में भी जाने जाते थे। उन्होंने ही हिंदू धर्म और हिंदू आस्था से अलग, राजनीतिक ‘हिंदुत्व’ की नींव रखी थी। उन्हें वीर सावरकर भी कहा जाता है, क्योंकि वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में काफी सक्रिय रहे थे। जानकारों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आज हिंदुत्व के नाम पर उन्हीं की विचारधारा की राजनीति करती है।