विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार (15 दिसंबर, 2019) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की कि वह हिंदुत्व के दिवंगत नायक का अपमान करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सार्वजनिक रूप से ‘पिटाई’ करें। रंजीत ने दिल्ली में आयोजित ‘देश बचाओ रैली’ में शनिवार को राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणी के संदर्भ में यह बात कही। राहुल ने रैली में ‘रेप इन इंडिया’ वाले बयान पर भाजपा की ओर से माफी की मांग खारिज करते हुए कहा था कि उनका नाम राहुल गांधी है ना कि राहुल सावरकर और वह कभी भी सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेगे।

रंजीत ने रविवार शाम को शिवसेना प्रमुख ठाकरे को उनके पहले दिए बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि वीर सावरकर का अपमान करने वाले को सार्वजनिक रूप से चौराहे पर पिटाई की जानी चाहिए। रंजीत ने कहा, ‘राहुल गांधी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मेरे दादा ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी जो सच नहीं है। मेरे दादा ने जेल से रिहा करने के लिए ब्रिटिश सरकार की ओर से रखी शर्तों को स्वीकार किया था। उन्होंने कभी भी ब्रिटिश की अधीनता स्वीकार नहीं की थी।’

रंजीत सावरकर ने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र में शिवसेना को कांग्रेस के मंत्रियों को हटा देना चाहिए और अल्पमत की सरकार चलानी चाहिए क्योंकि बीजेपी उनके खिलाफ नहीं जा रही है। ये मेरी मांग है। हम राहुल गांधी के खिलाफ हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करने जा रहे हैं।’ उल्लेखनीय है कि शिवसेना महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घटक हैं।

इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नए नागरिकता कानून के तहत प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार करने को लेकर अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा पर रविवार को निशाना साधा और कहा कि यह वी डी सावरकर का ‘‘अपमान’’ है जो सिंधु नदी से लेकर कन्याकुमारी तक की भूमि ‘‘एक देश’’ के तहत लाना चाहते थे। ठाकरे ने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम जैसे मुद्दे दरअसल ‘‘महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और कृषि संकट’’ जैसे असल मुद्दों से ‘‘ध्यान भटकाने’’ के लिए उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीएए हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के विचारों के खिलाफ है जिन्हें संघ परिवार काफी सम्मान देता है। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा, ‘‘सावरकर ने सिंधु नदी से कन्याकुमारी तक की भूमि एक देश के तहत लाने की मांग की थी। ऐसा करने के बजाय, भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार सावरकर के खिलाफ जाकर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में स्वीकार कर रही है, जो उनका अपमान है।’’