Jharkhand News: रांची में वेटिकन थीम पर बने दुर्गा पूजा पंडाल ने विवाद खड़ा कर दिया है और विश्व हिन्दू परिषद और भारतीय जनता पार्टी ने इस पर चिंता जाहिर की है। हालांकि, इसके बारे में आयोजकों का कहना है कि इसका उद्देश्य भाईचारे को बढ़ावा देना है। आरआर स्पोर्टिंग क्लब द्वारा बनाई गई इस झांकी में गुंबद, ऊंचे स्तंभ और मूर्तियां हैं जो यूरोपीय गिरजाघरों की याद दिलाती हैं। अंदर दुर्गा की मूर्ति वाले मंच के ऊपर, एक गुंबदनुमा संरचना में ईसा मसीह, मरियम और अन्य ईसाई धर्मगुरुओं की फ्रेम वाली तस्वीरें हैं।
यह पंडाल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस पर वीएचपी और बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई हैं। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पंडाल के डिजाइन को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का प्रयास और निर्दोष आदिवासियों को गुमराह करने के लिए एक खतरनाक प्रयोग बताया। बंसल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा , “इसकी जांच होनी चाहिए कि इसे किसने फंडिंग की, किसने यह विचार दिया और आयोजक किसके हितों की पूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने झारखंड को जिहाद की भूमि में बदल दिया है और अब वे चर्चों के एजेंडे पर आगे बढ़ रहे हैं।”
धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना महत्वपूर्ण- बाबूलाल मरांडी
झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने पोस्ट में कहा, “विभिन्न डिज़ाइनों के माध्यम से पंडालों को आकर्षक बनाना जहां सराहनीय है, वहीं धार्मिक आस्था और परंपराओं का सम्मान भी उतना ही ज़रूरी है। मां दुर्गा की आराधना का यह पावन पर्व राजनीतिक सीमाओं से परे है और देश भर के 100 करोड़ सनातनी हिंदू भाई-बहनों की आस्था और एकता का प्रतीक है। मुझे उम्मीद है कि आयोजन समिति जल्द से जल्द इस गलती को सुधारेगी। मां दुर्गा सभी को सद्बुद्धि प्रदान करें।”
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आयोजकों ने क्या बताया?
आयोजकों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्रतिक्रियाओं के बाद, उन्होंने पंडाल में बदलाव करने का फैसला लिया, जैसे मूर्तियों के हाथों से क्रॉस हटाना और सभी ईसाई तस्वीरों की जगह हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाना। क्लब के प्रमुख विक्की यादव ने बताया कि यह पंडाल 2022 में कोलकाता में आयोजित एक पंडाल से प्रेरित है , जिसने वहां के कई श्रद्धालुओं को आकर्षित किया था। उन्होंने बताया कि इस पंडाल को बनाने में 70 लाख से ज्यादा की लागत आई है और यह समाज में भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया एक अनूठा पंडाल है। उन्होंने कहा, “हर साल हम एक बड़ा और अनोखा पंडाल बनाते हैं, जो शहर का सबसे बेहतरीन पंडाल होता है। यह पंडाल अपने आप में अनोखा है और किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाता। हालांकि, कुछ लोग ऐसे त्योहारों का राजनीतिकरण करने में मजा लेते हैं।”
किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए- मनोज पांडे
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने लोगों से त्योहारों के मौसम का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पंडाल मुख्य रूप से श्रद्धालुओं को आकर्षित करने और उन्हें लुभाने के लिए बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा, “मां दुर्गा की मूर्ति अंदर स्थापित की गई है, और अगर अनुष्ठान सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं हैं, तो सवाल उठ सकते हैं, लेकिन संरचना पर सवाल उठाना बेबुनियाद है। इसमें किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।”