आइपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को पद्म पुरस्कार देने की सिफारिश के मामले में राजस्थान कांग्रेस ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि वसुंधरा राजे और ललित मोदी के घनिष्ठ संबंध रहे हैं। राजे के पूर्व शासन के दौरान 2007 में ललित मोदी को पद्म पुरस्कार देने की सिफारिश करने का मामला उजागर होने के बाद भाजपा एक बार फिर बचाव की मुद्रा में आ गई है।
ललित मोदी की मदद के विवादों से घिरने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर कांग्रेस के निशाने पर आ गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पायलट ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि पद्म पुरस्कार देश के उन विशिष्ट नागरिकों को दिया जाता है जिन्होंने देश व समाज में उल्लेखनीय काम से उपलब्धियां हासिल की हो। पायलट ने कहा कि अब हुए खुलासे से साफ हो गया है कि तत्कालीन और मौजूदा मुख्यमंत्री ने पद्म पुरस्कार की गरिमा को ताक पर रखा। राजे के विशेष कृपा पात्र ललित मोदी को उपकृत करने के मकसद से ही सिफारिश की गई थी।
भाजपा के पूर्व शासन के दौरान भ्रष्टाचार को संस्थागत किया गया था और परदे के पीछे से सरकार के कामों में भ्रष्टाचार को पनपाने में सबसे बड़ी भूमिका ललित मोदी की थी। राजे के खिलाफ उजागर हुए मामलों के बाद भी भाजपा नेतृत्व कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे ही साफ होता है कि राजे के पूर्व शासन के दौरान जितनी भी गड़बड़ियां हुई थीं उसमें भाजपा नेतृत्व और संगठन की सहमति रही है। ललित मोदी के लिए पद्म पुरस्कार की सिफारिश करना राष्ट्रीय पुरस्कार का अपमान है।
ललित मोदी प्रकरण के कारण आरोपों से घिरी मुख्यमंत्री राजे अब इस विवाद में फिर उलझ गई हैं। इस मामले में प्रदेश भाजपा की तरफ से कोई सफाई अभी तक नहीं दी गई है। राजे के पूर्व शासन के दौरान खेल परिषद के जरिए 28 जुलाई 2007 को ललित मोदी के लिए पद्म पुरस्कार के लिए सिफारिश की गई थी। सरकार के निर्देश पर खेल परिषद ने ललित मोदी से आवेदन मंगवाया गया था। पद्म पुरस्कार के लिए ललित मोदी के व्यापार और क्रिकेट के खेल को आधार बनाया गया था।