दिल्ली के वसंत विहार गैंगरेप (2012 में) केस में बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्टरूम में इस दौरान जज ने एक आरोपी के वकील को बुरी तरह हड़का दिया। जज उसके वकील एपी सिंह से बोले कि पुरानी बातें कह कर वह वक्त न जाया करें। इसी पर सिंह मीडिया को भला-बुला कहने लगे।
CNNnews18 के लीगल एडिटर उत्कर्ष आनंद ने इस घटना के बारे में सिलसिलेवार ट्वीट्स कर जानकारी दी। उनके मुताबिक, सुनवाई शुरू होने पर आरोपी के वकील को पुनःविचार याचिका पर बहस के लिए आधा घंटे का समय मिला था। सिंह ने इसी बीच अपनी बात रखी, पर जज ने उन्हें टोक दिया। कहा कि वह उन तथ्यों की चर्चा न करें, जिन पर सुप्रीम कोर्ट इससे पहले अपना फैसला सुना चुका है।
सिंह इसी को आधार बनाते हुए अपने क्लाइंट को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराने को लेकर दबाव बनाने के लिए मीडिया पर दोष मढ़ने लगे। आरोपी के वकील ने आगे दावा किया कि गैंगरेप पीड़िता के दोस्त दागी गवाह है। उसने रिश्वत ली और यहां तक कि डॉक्यूमेंट्री सीरीज रिकॉर्ड की। वकील ने यह भी कहा कि इस तरह के गवाह पर यकीन नहीं किया जा सकता है।
सिंह ने आगे तिहाड़ जेल के पूर्व अधिकारी सुनील गुप्ता की किताब के कुछ अंशों का हवाला भी दिया, जिसमें बताया गया था कि इस गैंगरेप के एक अन्य आरोपी की हो सकता है कि तिहाड़ जेल में ही हत्या कर दी गई होगी। सिंह ने यह भी दावा किया कि ये सभी तथ्य नए हैं।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जवाब में कहा- हम लेखकों के विचारों के हिसाब से नहीं जा सकते हैं। अगर लोगों ने ट्रायल और इस तरह की बातों के बाद किताबें लिखना शुरू कर दिया, तब एक खतरनाक किस्म का ट्रेंड शुरू हो जाएगा। अगर हमने इस तरह के तर्कों को अभी से सुनना शुरू कर दिया, तब इसका कोई अंत नहीं होगा।
बता दें कि वसंत विहार गैंगरेप केस में दोषियों के डेथ वारंट पर आज फैसला नहीं आया। अब पटियाला हाउस कोर्ट में सात जनवरी 2020 को अगली सुनवाई होगी।
