उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से भाजपा सांसद वरुण गांधी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सोमवार शाम बुलाई गई बैठक से नदारद रहे। वरुण गांधी के गायब रहने पर पार्टी ने नेताओं को हिदायत दी है कि वे ‘लक्ष्मण रेखा’ पार ना करें। गौरतलब है कि इलाहाबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरुण गांधी का धमाकेदार स्वागत किया गया था। शहर में जगह-जगह वरुण गांधी के सैकड़ों पोस्टर लगाए गए थे।
इन पोस्टर्स के जरिए वरुण गांधी को बतौर सीएम उम्मीदवार प्रचारित करने का प्रयास किया जा रहा था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे वरुण का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया था, रास्ते में रोड शो और दो दर्जन कारों के काफिले से भाजपा का आलाकमान खुश नहीं दिखा। पार्टी ने ऐसा करने वालों का पता लगाने की बात कही है।
उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केपी मौर्य ने उन पार्टी कार्यकर्ताओं को आड़े हाथों लिया है जिन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाकर वरुण गांधी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट करने की कोशिश की थी। इस तरह पार्टी ने वरुण को भी छिपा संदेश दे दिया है। मौर्य ने कहा, “पार्टी में एक अनुशासन है। एक लक्ष्मण रेखा है जिसे किसी को पार नहीं करना चाहिए।”
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NDTV को दिए एक बयान में वरुण ने कहा कि उन्होंने शाह से मीटिंग में ना शामिल होने की इजाजत ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में भाजपा द्वारा कराए गए आंतरिक सर्वे पर चर्चा हुई जिसमें दर्शाया गया है कि गांधी, राज्य में पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।