बीजेपी सांसद वरुण गांधी पिछले करीब 2 साल से अपनी ही सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वरुण गांधी कभी बेरोजगारी को लेकर सरकार पर निशाना साधते हैं तो कभी महंगाई और किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरते रहते हैं। शनिवार को वरुण गांधी ने बढ़ते गैस के दामों को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया था। वहीं अब किसानों की बदहाली को लेकर वरुण गांधी ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है।
वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि खेतों में नमी के कारण फसल की रौनक गायब है। उन्होंने लिखा, “मानसून पिछड़ने से खेतों से रौनक और चेहरों से मुस्कुराहट गायब है। खेतों में नमी की कमी से खरीफ फसलों की बुआई बुरी तरह प्रभावित है। जल संरक्षण कैसे हो, सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ कैसे हो और बीज बोने का सही समय क्या हो इसपर योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा। अन्नदाता का दर्द समझिए।”
वरुण गांधी ने सरकार से अपील की है कि अन्नदाता का दर्द समझिए। अपने ट्वीट के माध्यम से वरुण गांधी ने एक रिपोर्ट भी शेयर की है, जिसने यह कहा गया है कि आमतौर पर धान के बिचड़े की रोपाई 25 से 30 दिनों में हो जानी चाहिए। लेकिन इस बार नमी के कारण डेढ़ महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक धान के बिचड़े की रोपाई नहीं हो पाई है।
इससे पहले शनिवार को वरुण गांधी ने ट्वीट कर एक रिपोर्ट शेयर की थी, जिसमें बताया गया था कि महंगाई बढ़ने के कारण उज्जवला योजना के तहत मिले गैस सिलेंडरों को पिछले कई महीनों से महिलाओं ने नहीं भरवाया है और चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। महिलाओं के गैस पासबुक खाते में महीनों से एंट्री दर्ज नहीं की गई है।
वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, “चूल्हे पर लकड़ियाँ जल रही हैं और लाल सिलेंडर सजावट की वस्तु बना हुआ है। गैस पासबुक के पन्नों में महीनों से कोई एंट्री नहीं चढ़ी है। ये उन लाखों महिलाओं का दर्द है जिन्हें हमने ‘धुएँ से आज़ादी’ का सपना दिखाया था। यह वही महिलाएं हैं जिन्होंने हम पर सबसे अधिक भरोसा जताया था।”