तीन तलाक पर कानून बनने के बाद पीएम मोदी को मुस्लिम महिलाओं के बीच पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ गई है। इसी कड़ी में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी को बड़ा भाई मानते हुए उनके लिए अपने हाथों से बनी हुई राखियां भेजी हैं। महिलाओं के इस काम को कुछ मौलानाओं ने सराहा है। वहीं कुछ मौलानाओं ने को इसके पीछे आरएसएस का हाथ बताया है। उनका कहना है कि सस्ते प्रचार के तौर पर आरएसएस उनसे ऐसा करवा रहा है।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष मतीन खान ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस का अनुषांगिक संगठन मुस्लिम मंच इस तरह की हरकतें करवा रहा है। वे नकाब और टोपी पहनकर इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे मुस्लिमों में आपस में लड़ें। सत्ता के दबाव में ऐसा किया जा रहा है। ऑल इंडिया महिला मुस्लिम लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि राखी भेजने से किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। तीन तलाक जैसी कुप्रथा के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।
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शैखू आलम साबरिया चिश्चितिया मदरसा के मौलाना इस्तिफाक कादरी का कहना है कि हिंदुस्तान काफी बड़ा देश है लोगों को तीन तलाक के बारे में जागरूक करना चाहिए। लेकिन यह राखी भेजने का काम दिखावा है।राजनीति के लिए ऐसा किया जा रहा है। लोग प्रचार के लिए सिर्फ ऐसा करते हैं। मुस्लिम महिलाओं के सामने और भी कई दिक्कतें हैं सरकार को उनका दूर करना चाहिए।