प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को धर्म नगरी वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विक्रम संवत 2078 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी तिथि, एक नया इतिहास रच रही है। हमारा सौभाग्य है कि हम इस तिथि के साक्षी बन रहे हैं। बता दें कि काशी विश्वनाथ को भव्य रूप मिलने को लेकर लोग मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं।
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि 2014 में यह सरकार आई, और हिंदुत्व के उद्देश्य को लेकर काम कर रही है। देश के सभी मंदिरों का कायाकल्प हो रहा है। शख्स ने कहा कि हम लोग मुगलों और अंग्रेजों के समय में भी जिंदा थे, लेकिन पीएम मोदी ने जो प्राणवायु भरने का काम किया, उसे लेकर विरोधियों के पेट में दर्द हो रहा है।
इससे जुड़ा एक वीडियो न्यूज चैनल नेटवर्क 18 के एडिटर व एंकर अमन चोपड़ा ने ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा है, “काशी में पीएम मोदी की दीवानगी का अलग ही स्तर है।”
वहीं लोकार्पण को लेकर सिर्फ पीएम मोदी को क्रेडिट दिए जाने के विपक्ष के आरोप पर सवाल करने पर वीडियो में शख्स ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “क्रेडिट बिल्कुल पीएम मोदी को जायेगा। महात्मा गांधी ने भी बाबा विश्वनाथ मंदिर के तंग गलियों में होने पर अपना दर्द किया था।” शख्स ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर शासन का सुख भोगने वाले, सत्ता की रबड़ी खाने वालों ने इसकी सुध नहीं ली, सिर्फ नरेंद्र मोदी ने सुध ली है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान, और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे।
वहीं इस लोकार्पण को लेकर अखिलेश यादव द्वारा दिये गए एक बयान पर सियासी तूफान मचा हुआ है। दरअसल मीडिया द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद भाजपा सरकार की ओर से एक महीने तक कार्यक्रम आयोजित करने के सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, “बहुत अच्छी बात है। एक महीना नहीं, दो महीने, तीन महीने रहें, अच्छी बात है। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर बनारस में ही रहा जाता है।”
अखिलेश यादव के इस बयान भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की तरफ से आलोचना की जा रही है। यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा,”सपा प्रमुख ने जिस तरह से ओछी प्रतिक्रिया’ दी है, वह दिखाता है कि काशी का कायाकल्प और भारतीय संस्कृति का बढ़ता गौरव उनको पच नहीं रहा।”