Vande Bharat Express: जम्मू-कश्मीर को नई दिल्ली से भारतीय रेलवे (Indian Railways) के जरिए जोड़ने की मशक्कत पूरी हो चुकी है, क्योंकि तीन दशकों के बाद कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली पहली ट्रेन आज श्रीनगर पहुंची है। जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस (Jammu-Srinagar Vande Bharat Express) का ट्रायल रन नौगाम रेलवे स्टेशन पर सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे (Indian Railways) की सबसे प्रीमियम ट्रेन यानी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat) सुबह 8 बजे कटरा स्टेशन से चली थी और साढ़े तीन घंटे बाद नौगाम स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर कुछ देर रुकने के बाद ट्रेन अपना ट्रायल रन पूरा करने के लिए बडगाम स्टेशन पहुंच गई, जिसे रेलवे के लिहाज से एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
जम्मू कश्मीर के दुर्गम इलाकों से गुजरी ट्रेन
जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के ट्रायल के दौरान ट्रेन कटरा और काजीगुंड के बीच सबसे कठिन भूभाग से गुजरी और रेलवे लाइन का हिस्सा रहे कई इंजीनियरिंग चमत्कारों और पुलों से गुजरी। वंदे भारत एक्सप्रेस ने चेनाब पुल को भी पार किया, जिसे नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल माना जाता है। इसने 470 मीटर ऊंचे अंजी खाद पुल को भी पार किया, जो नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर केबल से बंधा पुल है।
सफल रहा वंदे भारत का ट्रायल
दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर रेल मार्ग पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेनें विशेष रूप से कठिन और चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में परिचालन के लिए डिज़ाइन की गई हैं। वंदे भारत ट्रेनों की नियमित विशेषताओं के अलावा जेके स्पेशल में सर्दियों के दौरान उप-शून्य तापमान में परिचालन के लिए उन्नत हीटिंग सिस्टम होंगे। 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर रेलवे लाइन की परिकल्पना 1994 में कश्मीर घाटी को सभी मौसम और आसान कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए की गई थी।
साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे पूरी तरह से वित्त पोषित राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था। रेलवे लाइन का कटरा-काजीगुंड खंड एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, केंद्र ने रेलवे लाइन को तीन भागों में विभाजित किया था। इसमें एक कटरा-बनिहाल था, दूसरा बनिहाल-काजीगुंड और तीसरा काजीगुंड-बारामूला था।
साल 2008 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने अनंतनाग-मजहामा (बडगाम) रेल लिंक का उद्घाटन किया जो कश्मीर खंड का हिस्सा था। एक साल बाद, मज़हामा-बारामूला खंड और अनंतनाग-काजीगुंड खंड को भी खोल दिया गया, जिससे उत्तर और दक्षिण कश्मीर को रेल के ज़रिए सफलतापूर्वक जोड़ा जा सका। 2013 में, काजीगुंड-बनिहाल खंड को खोल दिया गया। वंदे भारत एक्सप्रेस की अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।