कोरोना महामारी के बीच देश में संक्रमण की दर को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सभी राज्य के मुख्यमंत्री भी लोगों से टीका लगाने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीणों इलाकों में टीकाकरण को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ रही है। उत्तरप्रदेश के बाराबंकी में भी कोरोना टीकों को लेकर ऐसी अफवाह उड़ी कि टीका लगाने आए स्वास्थ्यकर्मियों को देखते हुए गांव के लोग नदी में कूद गए और बाहर निकलने से मना करने लगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाराबंकी के सिसौड़ा गांव में बीते शनिवार को टीकाकरण करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम आई थी। वैक्सीनेशन के डर से कुछ लोग भाग खड़े हुए तो कुछ लोग सरयू नदी में कूद गए। दरअसल गांव में यह अफवाह उड़ी थी कि वैक्सीन लगाने वाले की मौत हो जाती है। इस वजह से गांव की कई महिलाओं और पुरुषों ने नदी में छलांग लगा दिया और घंटों तक नदी में बैठे रहे। नदी में कूदे ग्रामीण बाहर निकलने को तैयार ही नहीं थे। कई लोग तो अपने परिवार के साथ गांव छोड़ कर ही चले गए।
स्वास्थ्यकर्मियों के समझाने के बावजूद भी जब नदी में कूदे ग्रामीण बाहर निकलने को तैयार नहीं हुए तो इसकी सूचना बाराबंकी के रामनगर के एसडीएम और नोडल अधिकारी को दी गई। बाद में दोनों अफसरों ने पहुंच कर माइक लेकर नदी में कूदे ग्रामीणों को समझाया। काफी समझाने के बाद सिर्फ 14 लोग ही वैक्सीन लगाने को तैयार हुए। जबकि गांव में करीब 1500 लोग रहते हैं।
हालांकि देश के कई ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन को लेकर अफवाह उड़ रही है। बीते दिनों मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले में वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कलेक्टर आशीष भार्गव खुद ही गांव गांव घूम रहे थे। लोगों को समझाने के दौरान जब आशीष एक गांव पहुंचे तो एक महिला उनसे भिड़ गई। महिला कहने लगे कि अगर उसने टीका लगवाया और वह मर गई तो कौन उसका जिम्मेदार होगा? हालांकि कलेक्टर उन्हें खूब समझाया लेकिन वह टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं हुई।
ऐसी ही अफवाह बीते दिनों महाराष्ट्र के आदिवासी इलाकों में भी उड़ी। नासिक के इगतपुरी के एक गांव में जागरुकता की कमी के कारण ग्रामीणों ने वैक्सीन लगवाने से इंकार कर दिया। गांव वालों में डर है कि वैक्सीन लगाने से लोगों की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं इन अफवाहों के चलते कई गांव में वैक्सीनेशन कैंप का भी विरोध किया गया। हालांकि लोगों के बीच उड़ रही अफवाह को ख़त्म करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की टीम लगातार ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को टीका लेने के लिए प्रेरित कर रही है।

