पाकिस्तान उच्चायोग में राष्ट्रीय दिवस समारोह में शरीक होने के बाद अपने ट्वीट से पैदा हुए विवाद पर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने मंगलवार रात कहा कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भाजपा और सरकार के प्रति ‘पूरी तरह से प्रतिबद्ध’ हैं।
अपने ट्वीट को लेकर मीडिया के कुछ वर्गों पर राई का पहाड़ बनाने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि अनावश्यक विवाद पैदा किया गया, वहीं कुछ लोग उनकी राष्ट्रवादी साख पर सवाल कर रहे हैं।
सिंह ने अपने आवास पर मीडिया के सामने पढ़े गए एक बयान में कहा, ‘मेरा ट्वीट मीडिया के केवल उन वर्गों की ओर निर्देशित था जिन्होंने मेरी सरकार के इरादे पर सवाल उठाए थे और यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के रुख पर भी था। मुझे लगता है कि यह साफ करना भी जरूरी है कि मैं अपनी पार्टी, सरकार और खासतौर पर अपने प्रधानमंत्री के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।’
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग कार्यक्रम में कश्मीरी अलगाववादियों के शरीक होने में कुछ भी नया नहीं था। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस्तीफा देने की पेशकश की है, सिंह ने कहा, ‘मैंने ऐसी कोई पेशकश नहीं की है। कभी-कभी कुछ लोग खुद से गढ़ कर कुछ दिखाते हैं। उनसे पूछिए कि ये खबरें कहां से आईं।’
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि पाक उच्चायोग में पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोहों में शरीक होना एक प्रोटोकॉल है जिसका अनुपालन अतीत में हर विदेश राज्य मंत्री ने किया है और भविष्य में ऐसा किया जाता रहेगा। सिंह ने कहा, ‘इस बार सिर्फ देखने का अंतर है क्योंकि पूर्व चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ वहां दिखा, हालांकि लोग भूल गए कि वह मौजूदा सरकार में राज्य मंत्री हैं।’
कांग्रेस ने यह मांग की है कि या तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या सरकार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। उनके इस्तीफे की कांग्रेस की मांग के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसका 60 साल के कुशासन के चलते देश में सफाया हो गया। चूंकि उनके पास कुछ नहीं है इसलिए वह किसी भी बात को मुद्दा बनाने की कोशिश करते हैं।
