उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में जूतामार होली खेलने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। इस होली में धार्मिक सौहार्द ना बिगड़े इसके लिए प्रशासन ने जिले की कई सारी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया है। साथ ही अलग अलग मस्जिदों के बाहर कई पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है।

दरअसल शाहजहांपुर में होली के दिन लाट साहब की जुलूस निकाली जाती है। इस दौरान लाट साहब को भैंसा गाड़ी पर बिठाया जाता है। जुलूस के दौरान आम लोग लाट साहब पर जूते फेंक कर मारते हैं। इसी तरह एक और छोटे लाट साहब का जुलूस शाहजहांपुर के बाजारों में निकलता है। जुलूस के दौरान किसी तरह का सामाजिक सौहार्द ना बिगड़े, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने जुलूस के रास्ते में आने वाले मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया है।

इस जूतामार होली का संबंध देश के स्वाधीनता संग्राम से है। दरअसल जिले के लोग अंग्रेजों के प्रति रोष जताने के लिए होली मनाते हैं। इस होली में लाट साहब को अंग्रेजों का प्रतीक माना जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जूतामार होली में लाट साहब किसी मुसलमान को बनाया जाता है। हालांकि आयोजकों की तरफ उस व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाती है। साथ ही इस दौरान आयोजक ही उस व्यक्ति का सारा खर्च उठाते हैं।

 

हालांकि पुलिस प्रशासन के अनुसार अभी तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। लेकिन कई बार मस्जिद पर रंग चला जाता है जिसकी वजह से लोग थोड़े नाराज हो जाते हैं। कुछ साल पहले कुछ असामाजिक तत्वों ने होली के दौरान मस्जिदों पर जूते और रंग फ़ेंक दिए थे। इसलिए पुलिस ने एहतियातन तौर पर पहले ही सारी तैयारियां कर ली है। इस बार पुलिस की तरफ से अलग अलग जगहों पर सामाजिक सौहार्द वाले बैनर पोस्टर भी लगाए गए हैं ताकि लोगों में जागरूकता फैले।

शाहजहांपुर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की चूक ना हो इसके लिए अन्य जिलों से भी पुलिस को बुलाया गया है। साथ ही पीएसी की तैनाती भी गई है। इसके अलावा जुलूस पर ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जाएगी।