उत्तराकशी की सिल्कयारा टनल में 17 दिनों से चल रहा संघर्ष आखिकार सफल हो गया है। दीपावली के बाद से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है। मंगलवार शाम को ठीक 7 बजकर 5 मिनट पर 800mm का पाइप मलबे के आर-पार हो गया। इसके बाद NDRF और SDRF की टीम पाइप के जरिए मल्बे के पार गई और फिर रेस्क्यू ऑपरेशन का लास्ट फेज शुरू किया। इस टीम ने पाइप के जरिए पहले मजदूर को बाहर भेजा। इस मजदूर के पाइप से निकलते ही सुरंग में अंदर और सुंरग के बाहर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए जाने लगे। इस दौरान सुरंग के बाहर कई लोगों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशियों का इजहार किया।
सुरंग से पहला मजदूर बाहर आने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उसका माला पहनाकर स्वागत किया। धीरे-धीरे एक-एक करके सभी मजदूर बाहर आने आने लगे। सभी 41 मजूदरों को 30 मिनट के अंदर रेस्क्यू कर लिया गया। इन सभी का टनल में मौजूद रेस्क्यू टीम और प्रशासन के लोगों ने ताली बजाकर और माला पहनाकर स्वागत किया। टनल के बाहर भी श्रमिकों के साथी उनकी झलक पाने के लिए इंतजार कर रहे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता मिलने पर कई श्रमिकों की आखों से खुशी के आंसू निकल आए। स्थानीय लोगों ने भी गुड न्यूज मिलने पर सुरंग के बाहर श्रमिकों के बीच मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया।
बिना पहिये वाले स्ट्रेचर से निकाला गया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इन सभी श्रमिकों को 60 मीटर के लंबे स्टील के पाइप से बिना पहिये वाले स्ट्रेचर के बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसी भी श्रमिक की स्थिति नाजुक नहीं है लेकिन उन्हें घर भेजे जाने से पहले कुछ समय के लिए डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले सबसे छोटे श्रमिक को सबसे पहले बाहर निकाला गया।
रेस्क्यू के बाद हुआ हेल्थ-चेक अप
श्रमिकों के रेस्क्यू किए जाने के तुरंत बाद सुरंग में मौजूद डॉक्टर्स की टीम ने उनका हेल्थ चेकअप किया। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस में बैठकर अस्पताल की ओर रवाना किया गया। इस सभी श्रमिकों को इन सभी श्रमिकों को CWC चिन्यालीसौड में रखा गया है। इन सभी की तबीयत एकदम ठीक बताई जा रही है।
नितिन गडकरी बोले- खुशू हूं, राहत महसूस कर रहा हूं
सिल्कयारा टनल से मजदूरों के सफल रेस्क्यू के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने X पर पोस्ट कर कहा, “मैं पूरी तरह से राहत महसूस कर रहा हूं और खुश हूं क्योंकि सिल्कयारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है।”
उन्होंने कहा कि यह कई एजेंसियों द्वारा किया गया एक प्रयास था, जो हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण बचाव अभियानों में से एक था। अनेक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद विभिन्न विभाग और एजेंसियां एक-दूसरे के मददगार बने। सभी के अथक और ईमानदार प्रयासों और सभी की प्रार्थनाओं से यह ऑपरेशन संभव हो सका।