Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच मजदूरों की पहली तस्वीर सुरंग के अंदर से आई है। रेस्क्यू टीम ने एंडोस्कोपिक कैमरे के माध्यम से ये तस्वीरें ली हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार पूरी रात जारी रहा। सोमवार शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली और 6 इंच चौड़ी एक पाइपलाइन के लिए ड्रिलिंग पूरी कर ली गई। इस पाइप के जरिए मजदूरों को खाना और अन्य जरूरी सामान आसानी से भेजा जा सकेगा।
मजदूरों को निकालने के लिए रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल को भी तैनात किया गया है। डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की रोबोटिक्स टीम ने ‘रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल’ (ROV) तैनात किया है। इसके जरिए सुरंग में फंसे हुए लोगों की मदद की जाएगी। ये जोखिम भरे इलाके तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कई एजेंसियां जुटी हुई हैं। सभी एजेंसियों को अलग-अलग काम सौंपे गए हैं। ये एजेंसियां मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रही हैं।
उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे मजदूरों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. संदीप वोहरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया, “सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की हालत का आकलन करना मुश्किल है, क्योंकि वे ऐसी स्थिति में हैं, जहां मौत उनके करीब है। उन मजदूरों के लिए यह बेहद डरावनी स्थिति है।
कर्नल दीपक तिवारी ने सोमवार को कहा कि पाइप लगाने के बाद कहा कि बचाव दल ध्वस्त सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को भोजन, मोबाइल, चार्जर और अन्य आवश्यक सामान भेज सकता है।
मजदूरों के लिए नाश्ता तैयार
मजदूरों के लिए सुबह का नाश्ता तैयार कर लिया गया है। रसोइयों की टीम फंसे हुए श्रमिकों के लिए नाश्ते की तैयारी में लगी हुई है। तैयार नाश्ते के बारे में बात करते हुए एक रसोइया ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “आलू-चना दाल तैयार की गई है, और खिचड़ी और दलिया भी उन विकल्पों में से हैं जो उन्हें दिए गए निर्देशों के अनुसार भेजे जाएंगे। पूरी भी बनाएंगे।” इससे पहले सोमवार को फंसे हुए मजदूरों के लिए 6 इंच की पाइपलाइन के जरिए पहली बार गर्म खिचड़ी भेजी गई थी।