उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों का रेस्क्यू अभी तक नहीं हो पाया है। 14 दिनों से ये मजदूर उसी टनल में फंसे हुए हैं और हर बीतते दिन के साथ उनकी सेहत को लेकर सभी की चिंता बढ़ती जा रही है। अभी के लिए अमेरिकी मशीन ऑगर एक बार फिर खराब हो चुकी है, ऐसे में रेस्क्यू टीम दूसरे तरीकों से मिशन को आगे बढ़ा रही है। लेकिन लगातार हो रही देरी ने अब मजदूरों से लेकर उनके परिजनों तक को परेशान कर दिया है। पूर्व सैन्य अधिकारी ने उनकी वर्तमान हालत को लेकर बड़ा अपडेट दिया है।
मजदूरों को लेकर बड़ी जानकारी
पूर्व सैन्य अधिकारी और National Disaster Management Authority के सदस्य सय्यद हस्नैन ने बताया कि गुड न्यूज ये है कि सभी 41 मजदरों की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। हर जरूरी सामान उन तक पहुंचाया जा रहा है। उनके परिवार वालों की भी मजदूरों से बात हो चुकी है। इस समय रेस्क्यू में जरूर हमे कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑगर मशीन को भी कुछ नुकसान हुआ है, उसका एक हिस्सा टनल में ही रह गया है। उसे वापस लाने के लिए भी दूसरी एडवांस मशीन की जरूरत पड़ने वाली है। वो मशीन एयरलिफ्ट होकर जल्द हम तक पहुंचेगी।
अब जानकारी के लिए बता दें कि टनल के अंदर रेस्क्यू का काम काफी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। आलम ये चल रहा है कि जब भी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की जाती है, सरिया या मलबे की वजह से मिशन बीच में ही रुक जाता है। अभी इस समय भी रेस्क्यू अपने अंतिम चरण में चल रहा है, लेकिन मजदूरों के बाहर आने की कोई भी समय सीमा नहीं पता चल पाई है।
पोस्ट ट्रीटमेंट में क्या होगा?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस रेस्क्यू पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। डॉक्टरों की एक टीम पूरे समय घटनास्थल पर ही मौजदू है और उनकी तरफ से लगातार मजदूरों से बात भी की जा रही है और उन्हें हर जरूरी दवाई भी पहुंचाई जा रही है। उनके पोस्ट ट्रीटमेंट को लेकर भी अभी से ही सारी तैयारी कर ली गई है। घटनास्थल पर कई एंबुलेस खड़ी हुई हैं, अस्पतालों को ही पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। ऐसे में इंतजार सिर्फ उस सफल रेस्क्यू का है जिसके बाद उन मजदूरों को आगे के ट्रीटमेंट के लिए ले जाया जाएगा।