उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल से 41 मजदूरों का सफल रेस्क्यू हो गया है, सभी सुरक्षित अपने परिवार से भी मिल लिए हैं। लेकिन इस सफल रेस्क्यू की कई कहानियां हैं, कई किरदार हैं। ऐसे ही एक किरदार का नाम है अर्नाल्ड डिक्स जिन्होंने कई दिनों तक लगातार रेस्क्यू टीम की मदद की, रणनीति बनाने में एक सक्रिय भूमिका निभाई। अब एक मीडिया इंटरव्यू में डिक्स ने दावा किया है कि रैट माइनिंग का आइडिया भी उन्होंने काफी शुरुआत में दे दिया था, वे जानते थे कि ये एक कारगर उपाय रहने वाला है।

कैसे शुरू हुआ था रेस्क्यू, क्या चर्चा हुई?

एक मीडिया इंटरव्यू में अर्नाल्ड ने कहा कि मैंने पहले से ही मान लिया था कि रैट होल माइनिंग ही अंत में कारगर साबित होने वाली है। ये भी मेरा एक सुझाव था जो शुरुआत में ही दे दिया गया था। मैं देख सकता था कि बड़ी मशीनों का पहाड़ पर असर ज्यादा पड़ रहा है, ऐसे में ये एक उपाय था। अब यहां ये समझना जरूरी है कि रेस्क्यू के शुरुआती दिनों में बड़ी ड्रिलिंग मशीन का लगातार इस्तेमाल किया गया। माना गया कि उससे काम जल्दी होगा और सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे।

लेकिन उस वजह से कुछ अजीब सी आवाजें भी पहाड़ों से आने लगी थीं, माना गया कि ड्रिलिंग की वजह से ही पहाड़ों पर इसका असर पड़ रहा था। एक बड़ी लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ था, इसी वजह से बाद में रणनीति में बदलाव किया गया। इस बारे में अर्नाल्ड का कहना है कि हमे पता था कि प्लान तो कई सारे हैं, लेकिन बैलेंस करना जरूरी है। हमे पता था कि पहाड़ हिल रहे हैं, ऐसे में एक और हादसे को रोकना जरूरी था। वैसे कुछ लोगों का मानना रहा कि ये रेस्क्यू ऑपरेशन काफी धीमा था, मजदूरों को और पहले निकाला जा सकता था।

इस सवाल पर अर्नाल्ड ने दो टूक बोला कि मुझे पता है कि हमारी आलोचना हुई, लेकिन हमारा मकसद था कि सभी की जान बचाई जाए, उसके लिए केयरफुल रहना जरूरी था। हमे एक साथ कई प्लान पर काम कर रहे थे, हमे पता था कि किसी एक प्लान का दूसरे प्लान पर भी असर पड़ सकता है। लेकिन लगातार बातचीत और मंथन के बाद फैसले लिए गए।

जब पीएम हो गए भावुक

जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को सभी मजदूरों का देर रात सफल रेस्क्यू कर लिया गया था। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया, उन्हें माला पहनाई और कई को तो गले भी लगाया। पीएम नरेंद्र मोदी भी फोन के जरिए सभी मजदूरों से बात कर चुके हैं। बताया तो ये भी गया है कि जिस समय रेस्क्यू अपने अंतिम चरण में था, पीएम मोदी भी लाइव स्ट्रीमिंग उसकी देख रहे थे। ऐसे में जब रेस्क्यू पूरा हो गया, उनकी आंखें भी नम दिखाई दीं।