उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और मलबे में दबने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं। उत्तरकाशी जिले के लोकप्रिय पर्यटन स्थल हर्षिल से मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित इस इलाके में अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। भारतीय सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस के कर्मियों सहित कई बचाव दल टीम राहत- बचाव कार्यों में जुटी हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी से बात कर हालात का जायजा लिया। आइए जानते हैं उत्तराखंड में पहले भी हुईं ऐसी तबाहियों के बारे में।
यमुनोत्री हाइवे लैंडस्लाइड (29 जून, 2025)
लगभग एक महीने पहले, यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास बादल फटने से भूस्खलन हुआ था जिससे मज़दूरों के आश्रय स्थल नष्ट हो गए थे। दो मज़दूरों की मौत हो गई थी और सात लापता बताए जा रहे हैं। चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी और पूरे क्षेत्र में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई थीं। अधिकारियों ने कई ज़िलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया था।
क्यों फटता है बादल, क्या पूरे भारत में बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
केदारनाथ घाटी, रुद्रप्रयाग जिला (2 अगस्त, 2024)
पिछले साल अगस्त में केदारनाथ घाटी में बादल फटने से अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी विनाशकारी घटनाएं हुईं। स्थिति इतनी गंभीर थी कि तीर्थयात्रियों का आवागमन अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। भारी बारिश के कारण कई लोगों की जान चली गई थीं।
घनसाली, जिला टिहरी गढ़वाल (1 अगस्त, 2024)
घनसाली क्षेत्र में अगस्त 2024 में बादल फटने की घटना हुई थी जिसमें नौतार नाले के पास स्थित एक भोजनालय के बह जाने से दो लोगों की मौत हो गई और उनका बेटा घायल हो गया था। इसके अलावा, भीमबली नाले के पास बादल फटने से भूस्खलन हुआ जिससे केदारनाथ पैदल मार्ग का 25 मीटर लंबा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और लगभग 200 तीर्थयात्री अस्थायी रूप से फंस गए थे।
धारचूला, जिला पिथौरागढ (सितंबर 2022)
भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित खोटिला गांव में बादल फटने से काली नदी के भारतीय हिस्से में अचानक बाढ़ आ गई थी। पानी के अचानक बढ़ने से घरों में मलबा और कीचड़ भर गया, जिससे एक स्थानीय निवासी की मौत हो गई थी।
देहरादून, टिहरी और पौडी क्षेत्र (20 अगस्त, 2022)
बादल फटने से हुई भारी बारिश के कारण देहरादून, टिहरी और पौड़ी के कुछ हिस्सों में नदियां उफान पर आ गईं थीं। रायपुर-कुमाल्डा क्षेत्र में पुल टूट गए, जबकि टोंस नदी के किनारे स्थित पवित्र टपकेश्वर मंदिर की गुफाओं में पानी घुस गया था। सोंग नदी पर बना पुल बह गया और केम्प्टी फॉल्स जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया था। एसडीआरएफ की टीमों ने कई प्रभावित गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। उत्तरकाशी में कल बंद रहेंगे स्कूल