उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए मेडिकल एडवाइजरी जारी की है। इसमें उनसे यात्रा शुरू करने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने को कहा गया है। परामर्श में तीर्थयात्रियों से यात्रा से पहले पैदल चलने का अभ्यास करने, प्राणायाम और हृदय संबंधी व्यायाम करने को भी कहा गया है। हर साल चारधाम यात्रा के दौरान कई तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण मृत्यु हो जाती है।
पिछले साल 246 तीर्थयात्रियों की हुई थी मौत
तीर्थयात्रियों की मृत्यु के सबसे आम कारण ऊंचाई पर होने वाली बीमारी, ऑक्सीजन की कमी और हार्टअटैक हैं। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार पिछले वर्ष यात्रा के दौरान स्वास्थ्य कारणों से 246 जबकि 2023 में 242 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई थी। यह परामर्श 12 भाषाओं में जारी किया गया है जिसमें श्रद्धालुओं से अपने साथ पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाइयां रखने को कहा गया है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यात्रा 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी। केदारनाथ धाम के कपाट दो मई को और बद्रीनाथ धाम के कपाट चार मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। परामर्श के अनुसार श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य एवं पर्यटन पंजीकरण ऐप पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना चाहिए।
श्रद्धालुओं को दिए गए ये निर्देश
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को पर्याप्त पानी, संतुलित आहार और हल्के गर्म पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही, तीर्थयात्रियों से यात्रा के दौरान ज़रूरत पड़ने पर अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए यात्रा मार्ग पर बनाए गए जांच केंद्रों और चिकित्सा राहत चौकियों का लाभ उठाने के लिए कहा गया है। बता दें कि चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी भीड़ रहती है और कई बार बारिश के कारण लोगों को समस्या भी होती है।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर 12 भाषाओं में हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि इस एडवाइजरी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें। मुख्य सचिव ने कहा कि तीर्थयात्रा पर आने वाले को किसी तरह की परेशानी तीर्थयात्रियों को न उठानी पड़े, इसके लिए एडवाइजरी जारी की गई है।