Uttarakhand Glacier Burst: चमोली हादसे के बाद तपोवन टनल में फंसे लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं। इस बीच मंगलवार की सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आईटीबीपी अस्पताल पहुंचे। यहां हादसे में घायल लोगों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा टनल से जिंदा निकाले गए 12 लोगों का भी इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन 12 लोगों को अस्पताल में इलाज चल रहा है उन सभी ने शरीर में दर्द की शिकायत की है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो लोहे के रॉड से 3-4 घंटे तक लटके रहे थे। चिकित्सकों का कहना है कि वो जल्दी ही ठीक हो जाएंगे।
इससे पहले सोमवार की पूरी रात तपोवन टनल में फंसे लोगों को निकालने की जद्दोजहद होती रही। इधर एसडीआरएफ ने यह भी बताया कि जिन लोगों को लापता माना जा रहा है उनमें से कुछ लोग प्रशासन के पास आकर अपनी मौजूदगी भी दर्ज करवा रहे हैं। अभी तक 5 लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज की है। अभी भी 35 लोगों के सुरंग में फंसे होने की आशंका है।
इस बीच तपोवन सुरंग के अंदर भी रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर चलता रहा। यहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम जिंदगी की तलाश में रात भर मलबा निकालती रही।
Avalanche in Uttarakhand LIVE Updates
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के बाढ़ प्रभावित चमोली और आसपास के इलाकों में जारी राहत अभियानों के बीच सोमवार को कहा कि पूरी घटना की व्यापक जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे पहली प्राथमिकता प्रभावित लोगों को भोजन और अन्य सहायता मुहैया कराना है। रावत ने ”पीटीआई-भाषा” को दिये साक्षात्कार में कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि घटना ग्लेशियर के टूटने से हुई। मुख्य सचिव को वास्तविक कारणों का पता लगाने का निर्देश दिया गया है।
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चमोली हादसे के बाद तपोवन टनल में फंसे लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं। इस बीच मंगलवार की सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आईटीबीपी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया। इधऱ सीएम ने प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा भी किया है। देखें VIDEO-
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आईटीबीपी अस्पताल का दौरा किया। जोशीमठ स्थित इस अस्पताल में चमोली हादसे में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है।
तपोवन टनल के अंदर राहत बचाव कार्य जारी है। चमोली के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि टनल में ऑपरेशन जारी है। हमें उम्मीद है कि दोपहर के बाद तक टनल के अंदर रास्ता काफी साफ हो जाएगा।
तपोवन टनल में राहत-बचाव कार्य जारी है। इस ऑपरेशन को को-ऑर्डिनेट कर रहे DR Manjunath ने कहा है कि कुछ घंटों में एक टीम को टनल के अंदर भेजा जाएगा ताकि वो हालात के बारे में जायजा ले सके। जिन 35 लोगों के अंदर फंसे होने की आशंका है उनसे अब तक संपर्क नहीं हो पाया है।
तपोवन टनल के अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए रात भर राहत और बचाव कार्य जारी रहा। इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किये जा रहे सामानों की तस्वीरें सामने आई हैं। एसडीआरएफ की टीम अन्य बचाव टीम के साथ मिलकर टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है।
उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान में तेजी लाई गई है। वहीं, 142 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। इसके अलावा, आपदा प्रभावित क्षेत्र से अब तक 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। बचाव और राहत अभियान जोरों से जारी है जिसमें बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था, इसमें बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे। अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता हैं। मैंने अपने मुख्य सचिव को बोला है कि यहां मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सके।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने के कारण आई विकराल बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा की कामना करते हुए सोमवार को कहा कि संकट के इस समय पूरा देश उत्तराखंड के साथ है। उन्होंने ट्वीट किया, इस समय सबसे जरूरी है कि आने वाले कुछ दिन राहत कार्य में कोई बाधा ना आए. मैं पूरे दिल से प्रभावितों के साथ हूं और आपकी सुरक्षा की कामना करता हूं।
भारत में उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई भीषण बाढ़ में जानमाल के नुकसान पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने दुख जताया और कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो उत्तराखंड में जारी बचाव एवं राहत कार्यों में संगठन सहयोग देने के लिए तैयार है।
जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपीवीएल) ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर उसने एहतियात के तौर पर अपनी विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना को बंद कर दिया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने रविवार बाढ़ की चेतावनी के बाद बिजली संयंत्र को बंद कर दिया। जेपीवीएल की 400 मेगावाट क्षमता वाली विष्णु्प्रयाग जल विद्युत परियोजना अलकनंदा नदी के बैराज पर स्थित है।
हादसे के बाद वैज्ञानिकों ने हिमालय में जमी बर्फ को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। जिसमें बताया जा रहा है कि भारत सहित कई देशों में खतरा बना हुआ है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि हिमालय में जमी बर्फ लगातार पीघल रही है और खतरा बढ़ता जा रहा है।
उत्तराखंड में 8 साल बाद एक बार फिर से भारी तबाही आयी, जिसमें अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग लापता बताये जा रहे हैं। ग्लेशियर टूटने की घटना ने 2013 में आयी केदारनाथ आपदा की याद ताजा कर दी। हालांकि दोनों आपदा में अंतर है। मौजूदा हादसा ग्लेशियर के टूटने की वजह से हुआ और वो भी ऐसे समय में जब सर्दी चरम पर है।
अधिकारियों ने बताया कि लापता लोगों में पनबिजली परियोजनाओं में कार्यरत लोगों के अलावा आसपास के गांवों के स्थानीय लोग भी है जिनके घर बाढ के पानी में बह गए। केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और बताया कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड परियोजना को अनुमानित 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
आखिर इतनी ठंड में उत्तराखंड में ग्लेशियर कैसे टूटा इसे लेकर कई विशेषज्ञ भी हैरान हैं। इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में ग्लेशियर का टूटने को लेकर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) जानकारी जुटाने में लगा हुआ है। इसरो (ISRO) से भी इसे लेकर जानकारी मांगी गई है। दरअसल, उत्तराखंड के चमोली में आए इस भीषण आपदा में अबतक 19 लोगों की जान जा चुकी है जबकि एक टनल में कई लोग फंसे हुए हैं।
ITBP, Army, SDRF, और NDRF की संयुक्त टीम तपोवन टनल के अंदर जाकर राहत-बचाव कार्य चला रही है। देखें VIDEO-
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया को जानकारी दी है कि अब तक 26 लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं। 171 लोग अभी भी लापता हैं। अभी भी आशंका है कि 35 लोग टनल के अंदर फंसे हुए हैं। टनल के अंदर राहत-बचाव कार्य जारी है।
उत्तराखंड पुलिस ने साफ किया है कि अब तक 24 लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं। अलग-अलग जगहों से लोगों के शव मिले हैं। फिलहाल राहत-बचाव कार्य जारी है।
रावत ने कहा कि केन्द्र और राज्य आपदा राहत एजेंसियों की कई टीमों को बुलाने के अलावा रक्षा बलों को भी विशाल बचाव अभियान का नेतृत्व करने के लिये बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक भी रविवार से प्रभावित इलाकों में मौजूद हैं जबकि गढ़वाल के आयुक्त तथा गढ़वाल के डीआईजी को भी वहां रहने का निर्देश दिया गया है। रावत ने कहा, 'जिला प्रशासन की पूरी टीम रविवार से राहत एवं बचाव अभियानों में जुटी है। दूसरे जिलों के अधिकारियों को भी मौके पर भेजा गया है ताकि प्राथमिकता के आधार पर शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा सके।' इस त्रासदी से हुए आर्थिक नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जहां तक आर्थिक नुकसान की बात है तो राहत कार्य संपन्न होने के बाद ही इस बारे में बताया जा सकेगा। उन्होंने कहा, 'ऋषिगंगा विद्युत निगम और एनटीपीसी अपनी परियोजनाओं को हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल हमारी शीर्ष प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और प्रभावितों का पुनर्वास है।'
उत्तराखंड आपदा में अभी भी 202 लोग लापता हैं। लापता लोगों में सबसे ज्यादा 100 लोग ऋत्विक कंपनी की सहयोगी कंपनी के कर्मचारी हैं। ऋत्विक कंपनी से भी 21 लोग लापता हैं।
उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे के बाद से राहत औऱ बचाव कार्य जारी है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया को जानकारी दी है कि NDRF, SDRF और Army की संयुक्त टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। यह टीम तपोवन टनल के 130 मीटर अंदर तक पहुंच चुकी है। टनल के टी प्वाइंट तक पहुंचने में 2-3 घंटे लगेंगे। टनल में फंसे लोगों को निकालने की सभी कोशिशें जारी हैं।
अधिकारियों के मुताबिक तपोवन टनल जहां राहत कार्य चलाया जा रहा है वो टनल 1900 मीटर लंबा है। राहत टीम अब तक 115 मीटर अंदर जा चुकी है।
पीएम मोदी ने उत्तराखंड आपदा की समीक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तराखंड के सभी सांसदों के साथ की बैठक।
चमोली में ग्लेशियर हादसे को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रिव्यू मीटिंग की है। इस दौरान उन्होंने प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी ली है। सीएम ने राज्य आपदा प्रबंधन फंड के लिए 20 करोड़ रुपए दिये जाने का ऐलान भी किया। इन पैसों का इस्तेमाल राहत औऱ बचाव कार्य में किया जाएगा।
झारखंड की सरकार ने चमोली में फंसे झारखंड के लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि झारखंड के श्रमिक, छात्र-छात्राएं एवं अन्य नागरिक उत्तराखंड के चमोली ग्लेशियर आपदा समस्या होने पर इन नंबरों पर कॉल कर अपनी समस्या साझा कर सकते हैं।
उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि कल के हादसे में अभी तक लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना है, वहीं 19 के लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं। शोक और दुःख की इस घड़ी में प्रशासन आपके साथ है, कृपया सहयोग बनाए रखें। राहत-बचाव कार्य त्वरित रूप से जारी है।
उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे के बाद से ही राहत औऱ बचाव कार्य जारी है। राहत औऱ बचाव कार्य के लिए जरुरी सामान ले जा रहा एक हैलीकॉप्टर उस स्थान पर पहुंचा जहां ग्लैशियर टूटने के बाद आफत मची थी। देखें वीडियो-
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है। आज हुई बैठक में इसरो के साइंटिस्टस ने सेटेलाइट पिक्चर से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया।
भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजूकी ने कहा, उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बड़े हादसे में कई निर्दोष लोगों की जान जाने और लापता होने के दुखद हादसे को लेकर मेरा हृदय बेहद दुखी है। मैं हार्दिक शोक जताता हुं और प्रार्थना करता हूं कि लापता लोगों को जल्द से जल्द बचा लिया जाएगा। हमारी सहानुभूति उत्तराखंड के लोगों के साथ है।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाए, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरती जा सके।
अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं। सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है। जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं: एस.एन. प्रधान, DG NDRF
बताया गया कि पास के गांव में एक बुजुर्ग महिला की तबीयत अचानक खराब हो गई। आपदा के कारण यहां सड़क टूटी पड़ी है। जिस कारण उक्त बुजुर्ग महिला को हेलीकॉप्टर द्वारा एयर लिफ्ट किया गया और अस्पताल पहुंचाया गया।
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, जनपद प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत, विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान गढ़वाल सांसद एवं प्रभारी मंत्री प्रभावित परिवारों के परिजनों से मिले और उनको हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया। प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी मिलकर युद्ध स्तर पर रात-दिन राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं और फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
चमोली पुलिस ने बताया कि टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और अलग-अलग स्थानों से 14 शव बरामद किए गए हैं।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- हमने दूसरी टनल के लिए सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया है, वहां क़रीब 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है। आईटीबीपी के 300 जवान टनल को क्लियर करने में लगे हैं जिससे लोगों को निकाला जा सके। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक 170 लोग इस आपदा में लापता हैं।
चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद आई तबाही की वजह से धौलीगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (Dhauliganga Hydropower Project) का यह हाल हुआ। (फोटोः पीटीआई)