उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा के एक हफ्ते बाद रेस्क्यू टीम ने टनल से 5 शव बरामद किए हैं। दरअसल ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ से तपोवन में एनटीपीसी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल बंद हो गई थी। साथ ही साथ एक अन्य पावर प्रोजेक्ट को भी बाढ़ अपने साथ बहा ले गई थी। रविवार को कुल 12 शव बरामद किए गए। जिनमें से 5 तो अकेले टनल से निकाले गए, बाकी 6 रैणी गांव से 5 किलोमीटर ऊपर पावर प्रोजेक्ट साइट से निकाले गए और एक नीचे रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से निकाला गया। इससे अब तक इस आपदा में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 53 हो गई है डेढ़ सौ लोग अभी भी लापता हैं।
गढ़वाल डिविजनल कमिश्नर रविनाथ रमन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया की पहला शव टनल के 130 मीटर भीतर रविवार सुबह 5:30 बजे पाया गया और बाकी चार शव 10 मीटर दूर पाए गए। अब रेस्क्यू टीम इसी दिशा में आगे बढ़ रही हैं। डीआईजी (लॉ एंड ऑर्डर) नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि 51 शवों में से 24 की पहचान की जा चुकी है। साथ ही 23 शवों के अंगों की पहचान भी हो चुकी है।
मामले में जोशीमठ पुलिस स्टेशन में 32 लोगों के लापता होने की FIR दर्ज की गई है। शवों को पहचान के लिए जोशीमठ, गोपेश्वर और कर्णप्रयाग के अस्पतालों में रखा गया है।
जिन लोगों की पहचान की गई है उनमें से 11 लोग उत्तराखंड के, 9 उत्तर प्रदेश, दो जम्मू कश्मीर,और एक-एक हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से थे। इंजीनियरों की टीम और रेस्क्यू टीमों ने टनल को खोद बोरवेल बना ली है। बोरवेल से रेस्क्यू टीम मिट्टी हटाने का काम कर रही है। इसी दौरान पहला शव बरामद किया गया था।
गढ़वाल के डिविजनल कमिश्नर रमन ने कहा कि ढाई किलोमीटर भीतर तक टनल को साफ किया गया है क्योंकि शव कहीं भी हो सकते हैं। ऑपरेशन जारी है। उन्होंने कहा कि कुछ और कर्मचारी भीतर टनल में फंसे हुए थे। जहां तक पहुंचने में कई दिन लग सकते हैं। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि अब धौलीगंगा नदी में सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है। जिससे कि लापता लोगों को ढूंढा जा सके।