उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। पिछले महीने प्रेम चंद अग्रवाल के पहाड़ी समुदाय पर दिए गए बयानों से राज्य में व्यापक आक्रोश फैल गया था। जिसके बाद हफ़्तों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में प्रेम चंद के बयान पर जमकर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें नागरिक समाज समूह भी शामिल हुए थे। कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने अग्रवाल के पुतले जलाए, उनका अंतिम संस्कार किया और उनके इस्तीफे की मांग की। यहां तक ​​कि भाजपा में उनके सहयोगियों ने भी उनके बयान पर अपनी असहमति जताई और राज्य हाईकमान ने उन्हें संयम बरतने का निर्देश दिया। आइये जानते हैं कौन हैं प्रेम चंद अग्रवाल और उनके किस बयान पर मचा है बवाल?

प्रेम अग्रवाल के नाम से जुड़े हैं कई विवाद

अपने दो दशक के राजनीतिक जीवन में प्रेम अग्रवाल विभिन्न विवादों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। मूल रूप से देहरादून के डोईवाला निवासी अग्रवाल विभिन्न विवादों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। 2018 में वह विवादों में तब घिरे जब उनके बेटे पीयूष को उत्तराखंड की पूर्व सैनिक कल्याण निगम योजना के तहत जल संस्थान में एक अस्थायी पद पर नियुक्त किया गया, जो केवल पूर्व सैनिकों या उनके आश्रितों के लिए खुली थी। नियुक्ति में अग्रवाल की भूमिका का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्टों के बाद पीयूष को पद छोड़ना पड़ा।

प्रेम चंद अग्रवाल पर 2023 में दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था

2019 में ऋषिकेश में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री भगत राम कोठारी से कहासुनी हो गई थी। दोनों ने एक-दूसरे को अपशब्द कहे थे, जिसमें कोठारी ने अग्रवाल को ‘बेकार’ कहा था। अग्रवाल पर 2023 में दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था, जब वह और उनके समर्थक ऋषिकेश में एक व्यक्ति की पिटाई करते हुए कैमरे में कैद हुए थे। वीडियो में अग्रवाल उस व्यक्ति से बहस करते और फिर उसके साथ मारपीट करते नजर आ रहे थे।

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विधानसभा सचिवालय में पिछले दरवाजे से नियुक्तियों के आरोपों के बाद दो साल पहले 2017 से 2022 के बीच अध्यक्ष के रूप में अग्रवाल का कार्यकाल जांच के दायरे में आया था। मौजूदा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर दिया है, जिनमें से 78 नियुक्तियां अग्रवाल के अध्यक्ष रहते की गई थीं।

पहाड़ी लोगों पर टिप्पणी पर मचा बवाल

प्रेम चंद अग्रवाल के मंत्री पद का कार्यकाल आखिरकार समय से पहले ही खत्म हो गया क्योंकि उन्होंने पहाड़ियों के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं। 21 फरवरी को बजट सत्र के दौरान विधानसभा को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने अल्मोड़ा विकास प्राधिकरण में कथित भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हुए तीखा हमला बोला।

अग्रवाल ने कहा, “क्या इसलिए हमने बलिदान दिया? क्या उत्तराखंड सिर्फ़ पहाड़ों के लोगों के लिए है? और पहाड़ों में कौन है? कुछ लोग मध्य प्रदेश से आए हैं जबकि कुछ राजस्थान से आए हैं। आप लोगों को कुमाऊं, गढ़वाल, पहाड़ी और देसी में बांट रहे हैं। क्या आप सिर्फ़ इसलिए विरोध करेंगे क्योंकि मैं अग्रवाल हूं?” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स