उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत एक बार फिर गलत बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। हरिद्वार में कुंभ के दौरान एक लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते वक्त उनकी जुबान फिसल गई। रावत ने कहा कि हरिद्वार और उज्जैन के साथ कुंभ वाराणसी में भी मनाया जाता है। इसका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
क्या बोले उत्तराखंड सीएम?: कुंभ के बारे में बताते वक्त सीएम रावत की जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा, “महाकुंभ हर 12 साल में आता है। हर साल नहीं आता है। मेले जगह-जगह होते हैं, कहीं भी हो सकते हैं। लेकिन कुंभ हरिद्वार में ही होता है, 12 साल में होता है, बार-बार नहीं होता है। बनारस में होता है, उज्जैन में होता है। यह इसलिए भव्य-दिव्य होना चाहिए। भव्य-दिव्य के साथ में भी प्रकृति ने कोरोना जिससे पूरा देश नहीं, तो विश्व भी परेशान है, त्रस्त है, पीड़ित है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में इस समस्या से निकाल के लाने का काम किया गया है।ॉ
#WATCH | “(Mahakumbh) comes once in 12 years and is not held every year. ‘Mele’ take places at different places & can happen anywhere but Kumbh is held only in Haridwar in 12 years.. held in Banaras (Varanasi), held in Ujjain,” said Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat (06.04) pic.twitter.com/aExf23iYyv
— ANI (@ANI) April 7, 2021
बता दें कि देश में चार जगहों पर हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है। यह जगहें हैं- उत्तराखंड का हरिद्वार, उत्तर प्रदेश का प्रयागराज, मध्य प्रदेश का उज्जैन और महाराष्ट्र का नासिक। इन्हीं चार जिलों में हर 6 साल के अंतराल पर अर्द्धकुंभ का भी आयोजन किया जाता है।
पहले भी फिसल चुकी है जुबान: गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड सीएम ने किसी तथ्य को लेकर गलतबयानी की हो। इससे पहले देश की गुलामी को लेकर उन्होंने कहा था कि अन्य देशों के तुलना में भारत कोरोना संकट से निपटने के मामले में बेहतर काम कर रहा है। वहीं अमेरिका, जिसने हमें 200 साल तक गुलाम बनाए रखा और दुनिया पर राज किया, वर्तमान समय में संघर्ष कर रहा है।
तीरथ सिंह रावत का जींस पर दिया बयान बेहद चर्चा में रहा था। इसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं फटी जींस पहनती हैं, जिससे कहीं न कहीं संस्कृति ख़तरे में पड़ जाती है। इस दौरान उन्होंने अपना एक हवाई सफर का अनुभव भी साझा किया था। उनके इस बयान पर विवाद उठने के बाद उत्तराखंड सीएम ने माफी भी मांगी थी।