उत्तर प्रदेश व चार अन्य राज्याें में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च के बीच हो सकते हैं। चुनाव आयाेग के सूत्रों के मुताबिक, 1 फरवरी को केन्द्रीय बजट पेश होने के कुछ दिन बाद ही गोवा, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर व उत्तर प्रदेश में चुनाव शुरू हो जाएंगे। रेडिफ डॉट कॉम ने चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जहां पंजाब, गोवा, उत्तराखंड व मणिपुर में एक ही दिन वोटिंग होगी, वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में सात चरणों में चुनाव कराया जा सकता है। दो साल पहले लाेकसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 70 सीटें जीती थीं। अब उसका इरादा सत्ताधारी समाजवादी पार्टी से सत्ता छीनकर 15 साल बाद वापसी करने का होगा। समाजवादी पार्टी यादव परिवार के पड़ी फूट से जूझ रही है, ऐसे में उसकी चुनावी संभावनाओं पर नकरात्मक असर हो सकता है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी, भाजपा और सपा दोनों को कड़ी चुनौती दे सकती है।
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पंजाब में लगातार दो बार सरकार बनाने के बाद सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल-भाजपा के गठबंधन को एक मोर्चे पर कांग्रेस से तो दूसरे पर आक्रामक आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है। उत्तराखंड में सत्ताधारी कांग्रेस इस साल कानूनी लड़ाई जीतकर सनसनीखेज वापसी करने के बाद एंटी-इनकम्बेंसी और भाजपा की चुनौती का सामना करेगी। गोवा में जहां सत्ताधारी भाजपा नए कार्यकाल की उम्मीद लगाए बैठी है, आप और कांग्रेस भी प्रचार में लगे हुए हैं। मणिपुर में कांग्रेस सत्ता बचाना चाहेगी।
चुनाव के पहले सतर्कता बरतते हुए केन्द्र सरकार ने चुनाव आयोग से संपर्क साधा है कि वह एक फरवरी को लोकसभा में केन्द्रीय बजट पेश करने के प्रस्ताव को पास करे। ताकि चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद लागू आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप पर आलोचना से बचा जा सके।