उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक प्राइमरी स्कूल का वीडियो बीते दिनों खासा वायरल हुआ था। दरअसल इस वीडियो में दिखाई दे रहा था कि स्कूल के बच्चे मिड डे मील योजना के तहत सिर्फ रोटी और नमक खा रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद खूब हंगामा हुआ था। अब पता चला है कि स्कूल में रोटी और नमक परोसने की यह पहली घटना नहीं है और इससे पहले भी बच्चों को मिड डे मील के नाम पर सिर्फ चावल और नमक परोसा जा चुका है।

स्कूल में बच्चों की लिए मिड डे मील पकाने वाली कुक रुकमणी ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि वीडियो वायरल होने से एक हफ्ते पहले ही बच्चों को खाने में चावल और नमक परोसे गए थे। रुकमणी ने बताया कि उन्होंने हेडमास्टर को इस बारे में बताया था कि मिड डे मील के लिए राशन का सामान खत्म हैं,जिस पर हेडमास्टर ने उसे चुप रहने को कहा था। हालांकि हेड मास्टर ने अब इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि स्थानीय अखबार जनसंदेश टाइम्स के पत्रकार पवन जायसवाल ने यह वीडियो शूट किया था। हाल ही में यूपी सरकार ने पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। पत्रकार पर सरकार के खिलाफ साजिश रचने और सरकार की छवि को धूमिल करने के प्रयास के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी ने पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है।

गौरतलब बात ये है कि सरकार ने पत्रकार के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि आपराधिक साजिश रचने के आरोप में धारा 120-बी के तहत यदि आरोप साबित हो जाते हैं तो दोषी को उम्रकैद या 2 साल के लिए कठोर कारावास की सजा मिलती है। मंगलवार को कुछ पत्रकारों ने इस घटना के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया।

वहीं पत्रकार पवन जायसवाल ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि ’22 अगस्त को उन्हें ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने कॉल कर स्कूल के हालात के बारे में बताया। इस पर मैंने एडिशनल बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस घटना की सूचना दी और स्कूल जाने के बारे में बताया था। लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बाद में मामले की जांच कराने की बात कही थी। इसके बाद मैंने स्कूल पहुंचकर वीडियो शूट की और पहले अपने अखबार में खबर छापी और फिर बाद में इसे अन्य न्यूज एजेंसी को भेज दिया।’