उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद से बूचड़खानों पर प्रशासन का रवैया सख्त है। इसका असर यह हुआ है कि लखनऊ की मशहूर टुंडे कबाब की दुकान एक दिन के लिए बंद रही। ऐसा इसलिए हुआ कि कबाब के लिए उनके पास भैंस का मांस ही नहीं था। बताया जाता है कि 100 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब टुंडे कबाब की दुकान बंद रही हो। गुरुवार (23 मार्च) को दुकान खुली लेकिन वहां पर उसका ट्रेडमार्क कबाब नहीं बेचा गया।
टुंडे कबाब के वर्तमान मालिक अबू बक्र ने न्यूज 18 को बताया, ”ऐसा पहली बार हुआ जब हमें बीफ (भैंस के मांस) की कमी के चलते दुकान को बंद करना पड़ा। बीफ कबाब हमारी खासियत है और पूरी दुनिया से लोग यहां पर इसे खाने के लिए आते हैं। कल (22 मार्च) को हमारी दुकान बंद रही और आज हमने बदलाव के साथ इसे खोला। आज हमने पहली बार चिकन और मटन के बने कबाब बेचे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम संभवत: कभी टुंडे कबाब नहीं बेच पाएंगे।”
बता दें कि योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से अवैध बूचड़खानों और मांस की दुकानों पर कार्रवाई की गई है। इसके चलते भैंस, बकरी और चिकन के मांस की लखनऊ में कमी हो गई है। सोमवार (20 मार्च) को इलाहाबाद में दो बूचड़खाने और मंगलवार (21 मार्च) को वाराणसी में 1 तथा गाजियाबाद में करीब अवैध 15 स्लाटर हाउस को बंद किया गया था। इसके बाद से कहा जा रहा है कि जल्द ही राज्य में चल रहे अन्य बूचड़खानों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
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योगी आदित्य नाथ ने पुलिस अधिकारियों को बूचड़खाने बंद करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा है। साथ ही गो तस्करी पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए कहा है। बूचड़खानों पर रोक लगाए जाने की खबरों के बाद कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई है।
वर्तमान में भारत में सरकार द्वारा स्वीकृत 72 बूचड़खाने कम मांस प्रोसेसिंग प्लांट हैं, जिनमें से अकेले 38 उत्तर प्रदेश में हैं। कई रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लगभग 250 बूचड़खाने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में अवैध बूचड़खानों को बंद करने की बात कही थी। वही, चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी बूचड़खानों को बंद करने की बात कही थी।