उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार भगवान राम के अंतर्राष्ट्रीय पदचिह्न पर अध्यन के लिए फंड दे रही है। इसमें भगवान राम के शिलालेखों और मध्य अमेरिका में होंडुरास के जंगल में भगवान हनुमान की खोजी गई एक मूर्ति का अध्ययन भी शामिल हैं। यूपी सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अगर पुष्टि हो जाती है तो इस तरह की चीजें भगवान राम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम के लिए दस्तावेज हो सकती हैं। बता दें कि अयोध्या में भगवान राम का एक म्यूजियम बनाया जाएगा।
अंग्रेजी अखबार ईटी को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने अयोध्या में एक शोध संस्थान ‘अयोध्या शोध संस्थान’ को इसके लिए 30 लाख रुपए आवंटित किए हैं। सरकार ने ‘राम संस्कृति की विश्व यात्रा’ पर शोध के लिए 15 लाख रुपए की पहली किश्त भी दे दी है। 13 दिसंबर को राज्य संस्कृति विभाग द्वारा जारी निर्देश के बाद यह राशि जारी की गई।
उल्लेखनीय है कि संस्थान ने 20 सितंबर को यूपी सरकार को इस आशय का एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें कहा गया कि इस शोध में कई देशों की यात्रा, शोध, दस्तावेज और भगवान राम के अंतर्राष्ट्रीय पदचिह्न शामिल हो सकते हैं।
प्रस्ताव के मुताबिक होंडुरास के एक जंगल में एक प्राचीन शहर के अवशेष और भगवान हनुमान की मूर्ति की खोज की गई, जिसे अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों ने ‘बंदरों के भगवान’ के रूप में वर्णित किया।
संस्थान के मुताबिक पांच ई.पू. इटली में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान के चित्र और रामायण से जुड़ी विभिन्न चीजें पाई गईं। इसी तरह इराक में भगवान राम और हनुमान की एक पेंटिंग के रूप में एक शिलालेख दरबन्द-ए-बेलुला की चट्टानों पर पाया गया है जो 2000 ई.पू. के हैं। इराक में भारत के राजदूत ने इस बात की पुष्टि भी की।
बता दें कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अयोध्या में भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम बनाने का फैसला लिया है। इसके साथ भगवान राम की भव्य प्रतिमा व अन्य सुविधाओं पर 446.46 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।