जिन्ना विवाद में उत्तर प्रदेश के बरेली की दरगाह ने एक फतवा जारी किया है। दरगाह ने इसके जरिए भारत में रहने वाले मुस्लिमों से अपील की है कि वे जिन्ना का समर्थन नहीं करें। फतवे में यह भी कहा गया है कि लोग जिन्ना के चित्र और तस्वीरें भी हटा दें। फतवे में जिन्ना को भारत के विभाजन का असल कारण बताया गया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर विवाद पनपा था। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद और एएमयू कोर्ट मेंबर सतीश गौतम ने 30 अप्रैल को इस संबंध में कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद यह विवाद और बढ़ गया।
चिट्ठी में पूछा गया था कि आखिर भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में मुख्य सूत्रधार की तस्वीर विवि में क्यों लगाई गई है? तस्वीर हटाने को लेकर इसके बाद काफी हो-हल्ला हुआ था। वहीं, एक ओर कुछ लोग जिन्ना की तस्वीर लगे रहने देने के पक्ष में थे। ऐसे में पांच दिनों के लिए एएमयू को बंद कर दिया गया था। अप्रिय घटना की आशंका के मद्देनजर विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
फतवे के बारे में एक मौलाना ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, “जिन्ना की हिमायत में खड़ा होना जायज नहीं है। उनका जुर्म यह है कि उन्होंने मुल्क का बंटवारा है। मुसलमानों को उनके फैसले के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आज भी सबको याद है। ऐसे में एक तस्वीर को लेकर इतना विवाद नहीं खड़ा किया जाना चाहिए। अगर कुछ लोगों को उनकी तस्वीर से ऐतराज है तो उसे फौरन उतार देना चाहिए।”
Fatwa has been issued by Bareilly's Dargah Aala Hazrat urging Indian Muslims not to support Jinnah and in fact, remove all portraits & pictures of Jinnah, as the Fatwa says 'Jinnah is the architect of India's division' pic.twitter.com/NdpBwkcPa7
— TIMES NOW (@TimesNow) May 8, 2018
एएमयू से लेकर दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इसी मसले को लेकर बीते एक हफ्ते से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अलीगढ़ में संवेदनशील हालात को ध्यान में रखते हुए चार मई को बजे के बाद इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।