उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय बीजेपी के लिए सबकुछ सही नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। इसी बीच खबर है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि आज मंगलवार शाम साढ़े सात बजे केशव प्रसाद मौर्य, जेपी नड्डा से मिल सकते हैं।
केशव प्रसाद ने क्या कहा था?
अब उनका दिल्ली आना मायने रखता है क्योंकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि सरकार और सत्ता से बड़ा संगठन होता है। ऐसा माना गया कि बिना नाम लिए केशव प्रसाद ने सीएम योगी पर निशाना साधा। उसी के बाद से चर्चा तेज हो गई कि बीजेपी का ही एक धड़ा उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की मांग कर रहा है। बड़ी बात यह है कि यूपी प्रदेश अध्यक्ष भी आज दिल्ली में नड्डा से मिलने वाले हैं। ऐसे में सियासी हलचल तेज है।
जानकारी के लिए बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। यूपी की 80 सीटों में से एनडीए सिर्फ 33 सीटें जीत पाई थी। इसी वजह पार्टी को अब आत्ममंथन करना पड़ रहा है, हार की वजह तलाशनी पड़ रही है। लेकिन वजह तलाशते-तलाशते अंदरूनी कलह की दीवारें खड़ी हो गई हैं। एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं।
यूपी में बीजेपी के हार के कारण
वैसे यूपी में बीजेपी की हार की वजह मानी जा रही हैं। अति आत्मविश्वास से लेकर प्रशासन द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं ना सुनने तक, कई ऐसे कारण सामने आए हैं जिस वजहसे पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। दूसरी तरफ ओबीसी वोटबैंक का छिटकना भी एक बड़ी वजह के रूप में देखा जा रहा है, यह वो वोटर है जिसने पहले 2014 और फिर 2019 में बीजेपी को अप्रत्याशित समर्थन दिया था। लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन को इस वर्ग का अच्छा समर्थन मिला है।
माना जा रहा है कि विपक्ष का संविधान बचाओ वाला नेरेटिव भी जमीन पर अपना काम कर गया। दलित समाज में थोड़ा डर बैठा और उसने बीजेपी को रोकने के लिए सपा और कांग्रेस को वोट दिया। अब पार्टी आगामी उपचुनाव पर सारा फोकस कर रही है, सभी 10 सीटें जीतने की कोशिश है। इसके ऊपर 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर भी पार्टी ने अभी से ही मेहनत करना शुरू कर दिया है।